कब्ज का घरेलु इलाज
कब्ज का घरेलु इलाज
कब्ज की समस्या हमें सामान्य रूप से बड़ी नहीं लगती है और हम सोचते हैं की ऐसा तो होता रहता है। आज फ्रेश होने में कुछ गड़बड़ हो गयी होगी, कल स्वतः ही ठीक हो जाएगी। लेकिन यदि लगातार कब्ज रहती है तो आपको इस विषय पर गौर करने की आवश्यकता है। आयुर्वेद में ज्यादातर रोगों का जनक कब्ज को ही माना गया है।
यदि पेट ख़राब है तो समझिये सब कुछ ख़राब है। ज्यादातर मामलों में हम हमारी आदतों, जीवन शैली में सुधार करके कब्ज की समस्या का समाधान अपने स्तर पर ही कर सकते हैं। लेकिन यदि क्रोनिक कब्ज है तो इस विषय पर आपको व्यक्तिगत रूप से वैद्य से संपर्क करना चाहिए और आपके शरीर के मुताबिक इलाज प्राप्त करना चाहिए। यहाँ हम आपको कुछ घरेलु तरीके / आपकी जीवन शैली में शामिल वे कारण जो कब्ज को बढ़ाते हैं उनके बारे में बताएँगे। आपका कब्ज कैसा भी हो पुराना या कभी कभी होने वाला ये टिप्स आपके हर प्रकार के कब्ज में काम आएँगी।
कब्ज को परिभाषित कैसे किया जाय
कब्ज का मतलब है खराब पाचन के कारण मल का अधिक सख्त हो जाना (मल से पानी का अधिक रूप से अवशोषित हो जाना ) और मल त्यागने में परेशानी होना। कब्ज के दौरान मल त्यागने की आवृति घट जाती है, अनियमित हो जाती है। कब्ज को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि कई बार कब्ज के लक्षण साफ़ दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन वो कब्ज की ही निशानियां होती हैं। कब्ज के सामान्य लक्षण निम्न हैं यदि आपको इनमे से कोई भी संकेत दिखाई दे तो आप अपनी जीवन शैली में स्वस्थ आदतों और आहार के प्रति सचेत हो जाए।
- खाना खाने के बाद पेट का भारीपन रहना, मानों बहुत ही ज्यादा भोजन कर लिया हो और सोने का मन करना।
- मल त्यागने की आवृति का अनियमित हो जाना और मल त्याग में सामान्य से अधिक वक़्त लगना।
- मल का अधिक सख्त हो जाना और मल त्यागने के वक़्त अत्यधिक जोर का लगना।
- फ्रेश होने के लिए बार बार टॉयलेट को जाना।
- भोजन के उपरान्त भारीपन के साथ आफरा और गैस का बनना और गैस का रिलीज़ ना हो पाना।
- पेट मर दर्द का रहना, सूजन और ऐंठन का होना।
- नियमित समय कर भूख का लगना और भोजन के प्रति अरुचि का पैदा होना। आखों के निचे काले धब्बों का निर्माण हो जाना।
- मुंह से बदबू का आना, जीभ का रंग बदल जाना और मुंह का स्वाद कड़वा जैसा रहना।
- मुँह में अक्सर छालों का बने रहना और गठिया जैसे रोगों का हो जाना।
- मानसिक रूप से खिन्न रहना, किसी कार्य में मन नहीं लगना।
- चक्कर आना, भुखार का होना और टांगों में दर्द का रहना।
- बार बार टॉयलेट जाना फिर भी लगना की पूरी तरह से फ्रेश नहीं हुए हैं।
- चेहरे पर दानों का उभारना।
कब्ज के कारण
कब्ज के कई कारण हो सकते हैं यथा, अनियित दिनचर्या, खान पान में लापरवाही, कोई दवा का प्रतिकूल प्रभाव या अन्य कारण। कब्ज के कारण निम्न प्रकार से बताये जा सकते हैं।
- आहार में लापरवाही करना कब्ज का मुख्य कारण है। जैसे खाना खाते ही अधिक पानी का सेवन और अनियमित समय अपर आहार का सेवन करना।
- देर रात तक जागकर काम करना और चाय और काफी का अधिक सेवन करना।
- समय पर उचित आहार का ना लेना।
- खान पान में अधिक तैलीय प्रदार्थों का सेवन करना और फ़ास्ट फ़ूड पर ज्यादा निर्भर रहना।
- भोजन में फाइबर का अभाव और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना।
- सुबह देर तक सोने की आदत का होना और रात को देर तक जगना।
- खाने के तुरंत बाद सो जाना या देर तक बैठे रहना।
- जंक फ़ूड जैसे पेटिस, बर्गर , पीजा आदि अधिक खाना।
- शारीरिक मेहनत का अभाव होना।
- बढ़ती उम्र के कारन कब्ज का होना।
- ज्यादा मसालेदार और तैलीय प्रदार्थों का सेवन करना।
- अनियमित दिनचर्या और समय पर शौच न जाना।
- दवाओं का अत्यधिक सेवन करना।
- प्रयाप्त मात्रा में पानी न पीना।
- गर्भावस्था के दौरान कब्ज का होना।
- मानसिक तनाव और चिंता करना।
- प्रयाप्त नींद की कमी।
- अस्त व्यस्त जीवन शैली का होना
- टॉइलेट जाने की जरूरत महसूस होने पर भी उसे टालते रहना।
- एक ही जगह पर बहुत देर तक बैठे रहना भी कब्ज का कारण बन सकता है विशेषकर खाना खाने के बाद।
- कई बार कब्ज का कारण थायरॉयड हार्मोन का कम बनना भी होता है।
- यदि शरीर में कैल्सियम और पोटैशियम की मात्रा कम हो जाए तो भी कब्ज की समस्या हो सकती है।
- मधुमेह रोगिओं में भी कई बार मधुमेह के कारण कब्ज की समस्या आ जाती है।
- कई बार आवश्यकता से अधिक भोजन करना या अल्पाहार के कारण से भी कब्ज की समस्या आ जाती है। इसलिए शरीर के मुताबिक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- मस्तिष्क से सबंधित कार्य ज्यादा करना भी कब्ज का कारण बन सकता है।
- पार्किंसन की बीमारी (कम्पन) के कारण भी कब्ज हो जाता है।
- अधिक, दुःख, चिंता और डर का लम्बे समय तक बने रहना।
- मंदाग्नि, पाचन तंत्र का कमजोर होना भी कब्ज का कारण बनता है।
- जल्दबादी में भोजन करना और चबा चबा कर भोजन करने का अभाव।
- लम्बे लम्बे उपवास करने से भी कब्ज की समस्या हो जाती है।
कब्ज के घरेलु इलाज
हम कब्ज को कुछ तो स्वंय की आदतों और जीवनशैली में परिवर्तन करके सुधार सकते हैं और कुछ आयुर्वेदिक गुणों युक्त हमारी रसोईं / पंसारी के पास से सामग्री से भी इलाज कर सकते हैं। यदि क्रोनिक कब्ज नहीं है तो आप स्वंय ही कब्ज का इलाज घर बैठे कर सकते हैं।
नमक और छोटी हरड़
आप काले नमक और छोटी हरड़ को समान मांत्रा पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को कांच की बोतल में हवाबंद करके रखे। रात को सोते वक़्त गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच यह चूर्ण लें और सुबह पेट खुलकर साफ़ आएगा और आपका शरीर भी हल्का महसूस होगा।
त्रिफला चूर्ण
आप त्रिफला चूर्ण को रोज रात को खाने के बाद सोते समय लें, इससे आपका वात, कफ और पित्त शांत होगा और पेट भी साफ़ रहेगा। (अधिक जाने : त्रिफला चूर्ण क्या है , त्रिफला चूर्ण को घर पर कैसे बनाये )
इसबगोल
आप रात्रि के समय इसबगोल की भूंसी का प्रयोग भी कब्ज को तोड़ने के लिए कर सकते हैं। इससे मल पतला हो जाता है और पेट साफ़ रहता है। इसके अतिरिक्त यह आँतों की सक्रियता को भी बढ़ाता है।
बेल
पूर्ण पका हुआ बेल का गूदा पानी में मसल कर मिलाकर शर्बत बनाकर पीना कब्ज के लिए बहुत लाभदायक हैं। यह आँतों की सफाई करता है।
नीबू
नीम्बू का रस गर्म पानी के साथ रात्रि में लेने से कब्ज दूर होता है और आँतों की सफाई होती है। आप दिन में दो से तीन बार गुनगुने पानी में निम्बू डाल कर सेवन करना हितकर रहता है। यह शरीर से टॉक्सिक को भी बाहर निकालता है।
कब्ज से छुटकारा दिलाने वाले घरेलु चूर्ण
यहाँ हम आपको उन चूर्ण के बारे में बता रहे हैं जो आसानी से आपके घर पर बन जाएंगे और इनके सेवन से आप कब्ज, अपच, अजीर्ण, खट्टी डकारों से निजाद पा सकते हैं।
कब्ज का इलाज
कब्ज यदि क्रोनिक है तो आप वैद्य की सलाह लेवें। साधारण कब्ज के लिए यहाँ कुछ घरेलु उपचार के तरीके बताये गए हैं जिनका आप लाभ उठा सकते हैं।
- यदि आपको कई दिनों से कब्ज की समस्या हो चुकी है तो आप सामान्य कब्ज के लिए त्रिफला और पुराने कब्ज के लिए शुध्दि चूर्ण का प्रयोग करें।
- पानी पीने की आदत बनाये। दिन में सात से आठ गिलास पानी का सेवन करे। प्रयाप्त मात्रा में पानी के सेवन से मल आँतों में ठोस होकर जमा नहीं हो पाता है। पानी से सेवन से विषाक्त प्रदार्थ भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
- खाना खाने के कुछ देर बाद पपीते का सेवन लाभदायक होता है।
- अजवायन का सेवन भी पाचन के लिए लाभदायी होता है। अजवायन का चूर्ण बनाने के लिए १० ग्राम अजवायन, त्रिफला और सेंधानमक लेकर मिक्सी में अच्छे से पीस कर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को सूती कपडे से छान कर हवाबंद डिब्बे में रख दें। खाना खाने के बाद आधा चम्मच इस चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है।
- खाना खाने के बाद शहद की एक चम्मच से भी कब्ज दूर होता है।
- इसबगोल की भूंसी को गर्म पानी के साथ लेने से पुराना कब्ज दूर होता है।
- भोजन में हरी सब्जियों का सेवन बढ़ा देना चाहिए और खाने के बाद तुरंत सोना नहीं चाहिए।
- किशमिस को पानी में भिगोने के उपरांत नित्य सेवन से आतों में जमा मल दूर होता है।
- भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
- रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
- रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
- सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
- सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
- एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
- रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है। शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है। आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है। ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
- रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
- खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
- अमरूद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
- पालक का रस पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्जी का प्रयोग करना चाहिए।
- कब्ज की समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
- रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
- मुनक्का भी कब्ज को दूर करता है। 6-7 मुनक्का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्का के साथ खाइए, इससे कब्ज की शिकायत समाप्त होगी।
- खाने में फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए। फाइबर से पाचन सुगम होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
- कब्ज के दौरान सुबह खाली पेट पानी पीना लाभदायक होता है।
- रात के खाने में अनिवार्य रूप से गुड़ का इस्तेमाल करें। गुड़ पोषण भी देता है और मल को सख्त भी नहीं होने देता है।
- रोज सुबह आंवले और एलोवेरा का ज्यूस पिए लाभ मिलेगा।
- खाना खाने के बाद यदि आप गर्म दूध पीते हैं तो एक गिलास गर्म दूध में गाय का शुद्ध देसी घी का एक चम्मच मिला कर लेने से कब्ज दूर होता है।
- शुद्ध देसी गाय के घी को नाभि में लगाकर सोएं।
- सुबह जल्दी उठने का नियम बनाये और सुबह की सैर पर जाएँ।
- खाने के बाद सौंफ के चूर्ण का उपयोग करें। सौंफ से खट्टी डकारें भी नहीं आती है। कब्ज के दुष्परिणाम : यदि आप कब्ज को सही समय पर ठीक नहीं करते हैं तो ये पाचन तंत्र से निकल कर अन्य जगहों पर भी अपना असर दिखाने लग जाती है और कई अन्य विकारों का जनक बनता है।
- कब्ज का समय रहते यदि इलाज ना किया जाय तो इससे क्रोनिक सरदर्द, मांसपेशियों में दर्द रहना शुरू हो जाता है।
- कब्ज से पीड़ित व्यक्ति हमेशा खिन्न रहता है और छोटी छोटी बातों पर भी चिड़चिड़ा हो जाता है।
- सरदर्द के अलावा कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को नींद भी कम आती है जिससे वह और अधिक परेशान रहने लगता है।
- कई बार कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत रहती है।
- अच्छे से फ्रेश न होने पर बदबूदार गैस निकलती है और मल के शरीर में जमा रहने से आँतों को भी नुक्सान पहुँचता है।
- कब्ज का विपरीत असर पेनक्रियाज, किडनी और मूत्राशय पर भी होने लगता है।
कब्ज के विषय पर सामन्य रूप से उठने वाले प्रश्न
मल सख्त क्यों हो जाता है
कब्ज से अभिप्राय है जब आँतों के द्वारा अधिक मात्रा में मल से पानी का अवशोषण कर लिया जाता है हो मल सख्त हो जाता है। आपको इसके लिए कब्ज को दूर करना होगा और दिन में पानी पीने की आदत बनाये और अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें।
क्या सख्त मल को शरीर से बाहर निकालने में केला मददगार होता है Do bananas help you poop? :
हर वह आहार जो ज्यादा फाइबर युक्त होता है वह पाचन को सुगम बनाता है। केले में ज्यादा रेशे होते हैं इसलिए पका हुआ केला मल त्यागने में लाभदायक होता है।
दिन में कितनी बार मल त्यागना चाहिए How long is too long to be constipated?
यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। कुछ तो दिन में दो से तीन बार फ्रेश हो जाते हैं वही कुछ लोग एक ही बार मल त्यागते हैं। लेकिन यदि दिन एक बार भी मल त्यागा ना जाय और खुलकर फ्रेश ना हुआ जाय तो यह कब्ज का ही सूचक है।क्या कब्ज बहुत हानिकारक होता है How dangerous is constipation?
कब्ज अन्य कई प्रकार के विकार पैदा कर सकता है इसलिए इसका शीघ्र इलाज किया जाना चाहिए। सामान्य रूप से आदतों में परिवर्तन और चूर्ण लेने से कब्ज हो जाता है। लेकिन यदि कोई लाभ ना हो तो वैद्य से संपर्क किया जाना चाहिए।कब्ज के दौरान क्या खाएं What should I eat when constipated?
यदि आप कब्ज से ग्रस्त हैं तो आपको हरी पत्तेदार सब्जियां, ऋतू के अनुसार ताजे फल, अधिक मात्रा में पानी का सेवन और रेशे युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। आहार में विशेष ध्यान देने योग्य बात है की सब्जी में तेल का प्रयोग कम करें, ज्यादा मसालेदार वस्तुओं के सेवन से बचे। चाय और कॉफी का नियंत्रित मात्रा में ही उपयोग करें।क्या सख्त मल को शरीर से बाहर निकालने में केला मददगार होता है Do bananas help you poop? :
हर वह आहार जो ज्यादा फाइबर युक्त होता है वह पाचन को सुगम बनाता है। केले में ज्यादा रेशे होते हैं इसलिए पका हुआ केला मल त्यागने में लाभदायक होता है।