भूख बढ़ाने का आयुर्वेदिक चूर्ण

भूख बढ़ाने का आयुर्वेदिक चूर्ण

वैसे तो वर्तमान जीवन शैली ही अनेकों रोगों की जनक है। हमें वक़्त ही नहीं मिलता है शरीर के प्रति ध्यान देने की, काम चल रहा है। इसी फितरत के कारण अनेकों रोग धीरे धीरे हमें घेर लेते हैं। भूख न लगना वस्तुतः स्वंय में कोई रोग नहीं होता है, ये तो ख़राब पाचन का परिणाम भर है। पाचन कमजोर है तो समझिये हजारों रोग आने ही वाले हैं। आप स्वंय भी कोशिश कीजिए स्वस्थ जीवन शैली और पाचन को दुरुस्त करने की और आयुर्वेद में जो जड़ी बूटियां हैं उनका लाभ उठाइये। आज हम आपको बताएँगे की यदि आपको भूख नहीं लगती है, भूख मानों मर ही गयी हो, खाने का जी ही नहीं करता है तो, पाचन अग्निवर्धक चूर्ण बनाने का तरीका जिसे बनाना भी बहुत सरल है। आइये जानते है इस भूख बढ़ाने वाले चूर्ण को बनाने का तरीका। 

भूख बढ़ाने का चूर्ण The Easiest Way to Increase Your Appetite with Ayurvedic Churna

भूख बढ़ाने के चूर्ण की सामग्री

इस चूर्ण में ज्यादातर वस्तुएं तो आपकी रसोई से ही प्राप्त हो जाएगी और बाकी सामग्री आप पंसारी की दूकान से ले सकते हैं।

  • पीसी हुई सोंठ 50 ग्राम
  • सेंधा नमक 150 ग्राम
  • काला नमक – 50 ग्राम
  • निम्बू का सत – 50 ग्राम
  • भुना हुआ जीरा – 100 ग्राम
  • पिपरमेंट – 2 ग्राम
इन सभी को मिक्सी में जितना हो सके महीन पीस लें और कांच के हवाबंद डिब्बे में रखें।

चूर्ण की सेवन विधि

इस चूर्ण को आप खाने के बाद आधा छोटा चम्मच ले सकते हैं। इस चूर्ण के सेवन से वात शमन होगा, खाया पिया अच्छे से पचेगा, और अपच और आफरा में राहत मिलेगी। आप स्वंय देखेंगे की इसके सेवन से एसिडिटी समाप्त हो जाती है।
 
शुरआती दिनों में तो कब्ज एक छोटी सी समस्या लगती है की ये खा लिया इसलिए हो गया, उस वजह से हो गया। लेकिन आगे चलकर ये छोटी से समस्या अन्य विकारों को पैदा करने लग जाती है। एक तरह से देखा जाय तो ज्यादादर बिमारियों का कारण कब्ज ही है। यहाँ हम आपको कब्ज दूर करने के कुछ टिप्स दे रहे हैं जो सामान्य कब्ज को दूर करने में सहयोगी होते हैं।

  • यदि आपको कई दिनों से कब्ज की समस्या हो चुकी है तो आप सामान्य कब्ज के लिए त्रिफला और पुराने कब्ज के लिए शुध्दि चूर्ण का प्रयोग करें।
  • पानी पीने की आदत बनाये। दिन में सात से आठ गिलास पानी का सेवन करे। प्रयाप्त मात्रा में पानी के सेवन से मल आँतों में ठोस होकर जमा नहीं हो पाता है। पानी से सेवन से विषाक्त प्रदार्थ भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
  • खाना खाने के कुछ देर बाद पपीते का सेवन लाभदायक होता है।
  • अजवायन का सेवन भी पाचन के लिए लाभदायी होता है। अजवायन का चूर्ण बनाने के लिए १० ग्राम अजवायन, त्रिफला और सेंधानमक लेकर मिक्सी में अच्छे से पीस कर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को सूती कपडे से छान कर हवाबंद डिब्बे में रख दें। खाना खाने के बाद आधा चम्मच इस चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है।
  • खाना खाने के बाद शहद की एक चम्मच से भी कब्ज दूर होता है।
  • इसबगोल की भूंसी को गर्म पानी के साथ लेने से पुराना कब्ज दूर होता है।
  • भोजन में हरी सब्जियों का सेवन बढ़ा देना चाहिए और खाने के बाद तुरंत सोना नहीं चाहिए।
  • किशमिस को पानी में भिगोने के उपरांत नित्य सेवन से आतों में जमा मल दूर होता है।
  • भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
  • रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
  • रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
  • सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
  • सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
  • रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
  • एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
  • रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है। शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है। आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है। ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
  • रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
  • खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
  • अमरूद और पपीता कब्‍ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
  • पालक का रस पीने से कब्‍ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्‍जी का प्रयोग करना चाहिए।
  • कब्‍ज की समस्‍या से बचने के लिए नियमित रूप से व्‍यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्‍ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
  • रात को सोते वक्‍त अरंडी के तेल को हल्‍के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
  • मुनक्‍का भी कब्ज को दूर करता है। 6-7 मुनक्‍का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्‍ज समाप्‍त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्‍का के साथ खाइए, इससे कब्‍ज की शिकायत समाप्‍त होगी।
  • खाने में फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए। फाइबर से पाचन सुगम होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
  • कब्ज के दौरान सुबह खाली पेट पानी पीना लाभदायक होता है।
  • रोज सुबह आंवले और एलोवेरा का ज्यूस पिए लाभ मिलेगा।
  • खाना खाने के बाद यदि आप गर्म दूध पीते हैं तो एक गिलास गर्म दूध में गाय का शुद्ध देसी घी का एक चम्मच मिला कर लेने से कब्ज दूर होता है।
  • शुद्ध देसी गाय के घी को नाभि में लगाकर सोएं।
  • सुबह जल्दी उठने का नियम बनाये और सुबह की सैर पर जाएँ।
  • खाने के बाद सौंफ के चूर्ण का उपयोग करें। सौंफ से खट्टी डकारें भी नहीं आती है।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url