गिलोय के पत्तों से मुंह के संक्रमण को दूर करें

गिलोय के पत्तों से मुंह के संक्रमण को दूर करें

गिलोय के गुणों से तो हम सभी परिचित हैं लेकिन गिलोय के पत्तों के विषय में एक स्वानुभूत उपयोग के विषय में भी आप जान लीजिये। गिलोय तो आप जानते ही हैं जो नीम पर चढ़ी हो वह अत्यंत ही श्रेष्ठ मानी जाती है। यदि आप गिलोय के सबंध में अधिक जानकारी चाहते हैं तो निचे दिए गए लिंक पर विजिट करें, आज हम केवल गिओय के पत्तों के मुख पाक से सबंधित बातों पर ही गौर करेंगे। 

गिलोय के पत्तों से मुंह के संक्रमण को दूर करें Remove mouth infection with Giloy leaves

मुंह के अन्दर यदि कोई इन्फेक्शन हो गया है, मसूड़ों में यदि कोई संक्रमण हो गया है तो आप वैद्य की सलाह के उपरान्त इस उपाय को भी जरुर आजमायें।
\आप सुबह खाली पेट गिलोय के दो पत्तें मुंह में रखें और उनको दांतों से हल्का सा कुचल कर उसके रस में पुरे मुंह में पान की भाँती से फैला कर रखें। इसका रस आपको कुछ चिकना जैसा महसूस होगा। अब आप इस गिलोय को पान की तरह से बीस मिनट तक मुंह में इधर उधर करते रहें और समय समय उसे दांतों से फिर से कुचलते रहें, और उसके रस को मुंह में फैलाते रहें। ऐसा आपको लगभग बीस मिनट तक करना है। आप एक से दो दिनों के भीतर ही पायेंगे की आपके मुख से सबंधित संक्रमण (Giloy Benefits in Mouth infection ) में लाभ मिलने लगा है। वैद्य की सलाह के उपरान्त इसे जरुर आजमायें। आप चाहें तो खदिरादीवटी को भी मुंह में चूंस सकते हैं लेकिन निश्चित ही गिलोय के पत्तों से शीघ्र लाभ प्राप्त होगा, ऐसे चमत्कारिक हैं गिलोय के पत्ते।

स्वामी रामदेव के पतंजलि आश्रम में अनेक ब्लड कैंसर के रोगियों को गिलोय के रस के साथ गेहूं के ज्वारे का रस दिया जा रहा है जिसके उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं, यद्यपि अभी इसे चिकित्सीय रूप से सिद्ध होना बाकी है। इसके अतिरिक्त गिलोय के पत्तों के निम्न लाभ (Benefits of Giloy Leaves ) होते हैं।

Amazing Benefits Of Giloy | Acharya Balkrishna

खून की कमी (एनीमिया) हो जाने पर भी गिलोय के पत्तों का सेवन लाभकारी माना जाता है।
पीलिया रोग में भी पारम्परिक रूप से गिलोय के पत्तों का रस दिया जाता है।
तीव्र बुखार हो जाने पर गिलोय के पत्तों का रस से बना क्वाथ पीने से लाभ मिलता है।
इसके अतिरित्क्त गिलोय के तने, जड़ आदि से भी बहुत ही अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं और इसीलिए इसे 'अमृता' नाम से जाना जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है और इसमें एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल प्रोपर्टीज भी होती हैं।

आइये जान लेते हैं की गिलोय से हमें और क्या लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

  • गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है। गिलोय में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है जो रोगों से लड़ने की शक्ति में इजाफा करता है। (1)
  • लगातार रहने वाले क्रोनिक फीवर को दूर करने में भी गिलोय क्वाथ से लाभ मिलता है। (2)
  • पाचन विकारों को दूर करने के अतिरिक्त गिलोय से आप कब्ज, अजीर्ण, आम पित्त जैसे विकारों से भी निजाद पा सकते हैं। (3)
  • पारम्परिक रूप से गिलोय के पत्तों का रस डेंगू रोग की रोकथाम के लिए किया जाता रहा है (4)
Reference : सन्दर्भ
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