गाय के घी के आयुर्वेद में हैं कई फायदे जान लीजिये
गाय के घी के फायदे Benefits of Cow's Ghee
सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक कारणों से गाय को भारत में एक पवित्र माना जाता है, और गाय को माता कहा गया है। हिंदू धर्म में भी गाय को पवित्र कहा गया है क्योंकि गाय श्री कृष्ण जी को पसंद है। भगवान कृष्ण को अक्सर एक चरवाहे के रूप में चित्रित किया जाता है और उन्हें "गोविंदा" के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है "गायों का रक्षक।" हिंदू धर्म में एक और महत्वपूर्ण देवता भगवान शिव को अक्सर एक बैल पर बैठे दिखाया जाता है, जिसे भी पवित्र माना गया है।
धार्मिक महत्व के अलावा, गाय हजारों वर्षों से भारतीय जीवन पद्धति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। गायों का पारंपरिक रूप से दूध, गोबर (जिसका उपयोग ईंधन और उर्वरक के रूप में किया जाता है), और खेतों की जुताई के लिए किया जाता रहा है। इस प्रकार, उन्हें धन, समृद्धि और जीविका के प्रतीक के रूप में देखा गया है। इसके अलावा, चूँकि गाय शाकाहारी होती हैं और किसी भी जीवित प्राणी को नुकसान नहीं पहुँचाती हैं, उन्हें अहिंसा (अहिंसा) और दयालुता के गुणों का प्रतीक मानते हुए कोमल और शांत प्राणी माना जाता है।
गाय के घी के फायदे/लाभ निम्न हैं:
- स्वस्थ वसा से भरपूर: गाय का घी स्वस्थ संतृप्त और असंतृप्त वसा का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मध्यम-श्रृंखला वाले फैटी एसिड होते हैं जो आसानी से पचने योग्य होते हैं और शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- पाचन में सुधार करता है: गाय के घी का पाचन तंत्र पर चिकनाई प्रभाव होता है, जो पाचन में सुधार करने और आंत में सूजन को कम करने में मदद करता है। यह हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करने में भी मदद करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: गाय के घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो एक प्रकार का शॉर्ट-चेन फैटी एसिड होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यून-बूस्टिंग गुण पाए जाते हैं।
- त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है: गाय का घी विटामिन ए, डी, ई और के से भरपूर होता है, जो स्वस्थ त्वचा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसमें मॉइस्चराइजिंग गुण भी होते हैं जो त्वचा निखार लाता है और झुर्रियों/रिंकल्स को कम करने में मदद करता है।
- मस्तिष्क स्वास्थ्य में सहायक: गाय का घी ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह स्मृति, संज्ञानात्मक कार्य में सुधार और अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक होता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी भोजन की तरह, गाय के घी का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए क्योंकि यह कैलोरी और वसा में उच्च होता है। जो लोग लैक्टोज असहिष्णु हैं या जिन्हें दूध से एलर्जी है, उन्हें भी गाय के घी के सेवन से बचना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल को रखे नियंत्रण में
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोगी
शरीर के विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालें
त्वचा में निखार लाये गाय का घी
पाचन क्रिया को करे दुरुस्त
हड्डियों और जोड़ों के लिए लाभदायक
आखों की रोशनी के लिए
इसके अतिरिक्त गाय के घी के सेवन से निम्न लाभ होते हैं।
- गाय के घी के प्रयोग से गठिया के रोग में लाभ मिलता है।
- स्मृति के विकास के लिए गाय का घी लाभदायक होता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में गाय का सुद्ध घी उपयोगी होता है।
- पाचन तंत्र के सुचारु काम करने के लिए गाय का घी लाभदायी होता है।
- रात को सोने से पहले गाय के घी की दो बून्द नाक में डालकर सोने से स्मरण शक्ति का विकास होता है और प्राणवायु का संचार होता है। इससे शुष्कता, नाक के मांस बढ़ने, रक्तस्राव और नासिका में लाभ मिलता है।
- गाय के घी की दो बुँदे नाभि में डालकर सोने से अनिंद्रा सबंधी विकार दूर होते हैं।
- त्वचा पर गाय के घी की मालिस करने से त्वचा विकारों में लाभ प्राप्त होता है। सोराइसिस में इससे लाभ प्राप्त होता है। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से मोइसजराइजेसन करता है।
- शारीरिक रूप से दुर्बल व्यक्ति को गाय के घी का नियमित प्रयोग करना चाहिए इससे व्यक्ति हृष्ट पुष्ट बनता है और दुर्बलता दूर होती है।
- महिलाओं के प्रदर रोग में गाय के घी के सेवन से लाभ मिलता है।
- स्तनपान वाली महिला के लिए गाय का दूध और घी बहुत लाभदायी होता है।
- गाय के घी के नियमित सेवन से वीर्य शक्ति बढ़ती है।
- त्रिफला के साथ गाय के घी के सेवन से नेत्र विकार दूर होते हैं।
- गाय के घी से गठिया रोग में आराम मिलता है।
- गाय के घी से मुंह के अल्सर में लाभ मिलता है।
- हल्दी के साथ गाय के घी को मिलाकर फोड़े फुंसी पर लगाने से लाभ मिलता है।
- गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर पीने से शरीर में शक्ति का संचार होता है।
- गाय के घी के उपयोग से कैंसर से बचाव होता है।
- छाती पर गाय के घी की मालिस करने से कफ की समस्या से मुक्ति मिलती है।
- गाय के घी से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
- भोजन से पूर्व एक चम्मच गाय का घी लेने से मूत्राशय के दर्द और जलन में राहत मिलती है।
- त्रिफला के साथ गाय का घी मिलाकर मुंह में रखने से मुंह के संक्रमण में लाभ मिलता है।
- हथेली और तलवों पर गाय के घी की मालिस करने से जलन में लाभ मिलता है।
- काली मिर्च को गाय के घी के साथ मिलाकर सुबह खालीपेट चाटने पर आँखों की ज्योति में सुधार होता है।
- गाय के घी के नियमित सेवन से मेटाबॉलिज्म सुधरता है।
- गर्भवती महिला को गाय के घी का सेवन करना चाहिए इससे उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास होता है।
- पुराने दर्द और माइग्रेन में गाय के घी से लाभ मिलता है।
- तुलसी के पत्तों को पीसकर गाय के एक चम्मच घी के साथ पकाने कर पानी में मिलाकर लेने से सर्दी झुकाम में राहत मिलती है।
- गाय का घी गाय के दूध से बनाया जाता है, वस्तुतः गाय हरी वनस्पति खाती है इसलिए इसमें विटामिन के 2 पाया जाता है जो की हड्डियों की डेंसिटी और विकास के लिए उपयोगी होता है।
- गाय के घी में ब्युट्रिक एसिड और CLA (Conjugated Linoleic Acid) पाए जाते हैं जो एक फैटी एसिड होता है। इसका प्रधान गुण एंटी कैंसर और एंटी ऑक्सीडेंट होता है। यह शरीर से विषाक्त कणों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- शरीर के त्रिदोष वात, कफ और पित्त को बैलेंस रखने में गाय का घी बहुत उपयोगी होता है।
- गाय का घी पाचन को सुधरता है और कब्ज को दूर करता है।
- गाय का घी जितना पुराना होता है उतना ही लाभदायक होता है।
- ब्रेन से सबंधित डिसऑर्डर के लिए भी घी बहुत लाभदायी होता है। घी से याददास्त बढ़ती है।
- गाय का घी प्रकृति के अनुसार "ठंडा" होता है। इसके सेवन से स्वाभाव शांत बनता है।
- गर्दन से ऊपर के भाग के सभी रोग दो बून्द घी से ठीक होते हैं। पंचकर्म में इसे सस्य कहा जाता है।
- शरीर और मस्तिष्क के बीच लिपिड के कार्य को सुधारने के लिए घी का उपयोग लाभदायी होता है।