फटी एड़ियों के घरेलु उपाय देसी नुस्खे
फटी एड़ियां दिखने में तो बुरी लगती है लेकिन साथ ही चलने में तकलीफ, एड़ी में जलन भी पैदा करती हैं। इसके कई कारण होते हैं जैसे त्वचा में अत्यधिक रूखापन, लंबे समय तक पानी के संपर्क में रहना, शरीर में जरूरी विटामिन्स की कमी या सर्दियों के मौसम में बढ़ी हुई स्किन ड्राइनेस।
आयुर्वेद की दृष्टि में त्वचा केवल बाहरी सौंदर्य नहीं, बल्कि शरीर के भीतर चल रही प्रक्रियाओं का परिणाम मानी जाती है। जब शरीर में नमी की कमी हो जाती है या पोषण ठीक से नहीं मिल पाता, तो उसका संकेत सबसे पहले पैरों और एड़ियों पर दिखाई देने लगता है।
आयुर्वेद में फटी एड़ियों की समस्या के लिए कई सरल और प्रभावी घरेलू उपाय बताए गए हैं, जिनसे प्राकृतिक तरीके से आराम पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार अमृतधारा में मौजूद औषधीय जड़ी-बूटियां त्वचा की जलन और सूजन को शांत करने में सहायक होती हैं। साथ ही, ये तत्व एड़ियों में पड़ी दरारों को भरने और त्वचा को फिर से कोमल व स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
आयुर्वेद में फटी एड़ियों की समस्या के लिए कई सरल और प्रभावी घरेलू उपाय बताए गए हैं, जिनसे प्राकृतिक तरीके से आराम पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार अमृतधारा में मौजूद औषधीय जड़ी-बूटियां त्वचा की जलन और सूजन को शांत करने में सहायक होती हैं। साथ ही, ये तत्व एड़ियों में पड़ी दरारों को भरने और त्वचा को फिर से कोमल व स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
फटी एड़ियों के असरदार नुस्खे Cracked heel home remedy
नारियल तेल और मोम
नारियल तेल प्राकृतिक रूप से त्वचा को नमी देने वाला होता है, जबकि मोम त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बनाकर उस नमी को लंबे समय तक बनाए रखता है। इन दोनों को साथ में हल्का गुनगुना कर लें और रात को सोने से पहले एड़ियों पर अच्छी तरह लगाएं। इसके बाद सूती मोजे पहन लें, ताकि असर गहराई तक हो सके। नियमित इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में एड़ियां मुलायम होती नजर आने लगेंगी।
नारियल तेल प्राकृतिक रूप से त्वचा को नमी देने वाला होता है, जबकि मोम त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बनाकर उस नमी को लंबे समय तक बनाए रखता है। इन दोनों को साथ में हल्का गुनगुना कर लें और रात को सोने से पहले एड़ियों पर अच्छी तरह लगाएं। इसके बाद सूती मोजे पहन लें, ताकि असर गहराई तक हो सके। नियमित इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में एड़ियां मुलायम होती नजर आने लगेंगी।
एलोवेरा जेल और नींबू का रस
फटी एड़ियों की देखभाल के लिए एलोवेरा जेल और नींबू का रस एक आसान और असरदार घरेलू उपाय माना जाता है। इसके लिए दो चम्मच ताज़ा एलोवेरा जेल में आधा चम्मच नींबू का रस अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण को रात में सोने से पहले दोनों एड़ियों पर अच्छे से लगाएं और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। सुबह उठकर गुनगुने पानी से एड़ियों को धोकर साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने पर एड़ियों की रूखापन कम होता है और दरारें भरने में मदद मिलती है।
फटी एड़ियों की देखभाल के लिए एलोवेरा जेल और नींबू का रस एक आसान और असरदार घरेलू उपाय माना जाता है। इसके लिए दो चम्मच ताज़ा एलोवेरा जेल में आधा चम्मच नींबू का रस अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण को रात में सोने से पहले दोनों एड़ियों पर अच्छे से लगाएं और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। सुबह उठकर गुनगुने पानी से एड़ियों को धोकर साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने पर एड़ियों की रूखापन कम होता है और दरारें भरने में मदद मिलती है।
सोडियम और वेसिलीन से फटी एड़ियों की देखभाल
फटी एड़ियों की समस्या में सोडियम और वेसिलीन का घरेलू उपाय उपयोगी माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी गुनगुना कर लें। अब इस पानी में थोड़ा सा सोडियम और वेसिलीन मिलाएं। तैयार मिश्रण में पैरों को लगभग एक घंटे तक भिगोकर रखें, ताकि त्वचा नरम हो सके।
इसके बाद पैरों को बाहर निकालकर एड़ियों को हल्के हाथ से साफ करें। रात में सोने से पहले एड़ियों पर कोई मॉइस्चराइजिंग क्रीम या वेसिलीन अच्छी तरह लगाएं और सो जाएं। इस उपाय को कुछ दिनों तक नियमित रूप से अपनाने पर एड़ियों की दरारें कम होने लगती हैं और त्वचा मुलायम महसूस होने लगती है।
फटी एड़ियों की समस्या में सोडियम और वेसिलीन का घरेलू उपाय उपयोगी माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी गुनगुना कर लें। अब इस पानी में थोड़ा सा सोडियम और वेसिलीन मिलाएं। तैयार मिश्रण में पैरों को लगभग एक घंटे तक भिगोकर रखें, ताकि त्वचा नरम हो सके।
इसके बाद पैरों को बाहर निकालकर एड़ियों को हल्के हाथ से साफ करें। रात में सोने से पहले एड़ियों पर कोई मॉइस्चराइजिंग क्रीम या वेसिलीन अच्छी तरह लगाएं और सो जाएं। इस उपाय को कुछ दिनों तक नियमित रूप से अपनाने पर एड़ियों की दरारें कम होने लगती हैं और त्वचा मुलायम महसूस होने लगती है।
ग्लिसरीन और गुलाबजल
ग्लिसरीन त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करता है, जबकि गुलाबजल त्वचा को ठंडक और ताजगी देता है। दोनों को समान मात्रा में मिलाकर रोज़ रात को एड़ियों पर लगाएं। यह मिश्रण एड़ियों को मुलायम बनाने के साथ-साथ रूखापन और मटमैलेपन को भी धीरे-धीरे कम करता है। नियमित उपयोग से एड़ियां ज्यादा सॉफ्ट और स्वस्थ नजर आने लगती हैं।
ग्लिसरीन त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करता है, जबकि गुलाबजल त्वचा को ठंडक और ताजगी देता है। दोनों को समान मात्रा में मिलाकर रोज़ रात को एड़ियों पर लगाएं। यह मिश्रण एड़ियों को मुलायम बनाने के साथ-साथ रूखापन और मटमैलेपन को भी धीरे-धीरे कम करता है। नियमित उपयोग से एड़ियां ज्यादा सॉफ्ट और स्वस्थ नजर आने लगती हैं।
बेकिंग सोडा
फटी एड़ियों की समस्या में बेकिंग सोडा भी कारगर घरेलू उपाय माना जाता है। इसके लिए एक टब में गुनगुना पानी लें और उसमें दो चम्मच बेकिंग सोडा मिला दें। अब पैरों को करीब 15 मिनट तक इस पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद एड़ियों को हल्के हाथ से स्क्रबर या प्यूमिक स्टोन से साफ करें। बेकिंग सोडा डेड स्किन को हटाने में मदद करता है और पैरों को साफ व मुलायम बनाने में सहायक होता है।
फटी एड़ियों की समस्या में बेकिंग सोडा भी कारगर घरेलू उपाय माना जाता है। इसके लिए एक टब में गुनगुना पानी लें और उसमें दो चम्मच बेकिंग सोडा मिला दें। अब पैरों को करीब 15 मिनट तक इस पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद एड़ियों को हल्के हाथ से स्क्रबर या प्यूमिक स्टोन से साफ करें। बेकिंग सोडा डेड स्किन को हटाने में मदद करता है और पैरों को साफ व मुलायम बनाने में सहायक होता है।
नीम से फटी एड़ियों का घरेलू उपचार
फटी एड़ियों की समस्या में नीम एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय माना जाता है। इसके लिए एक मुट्ठी ताज़ी नीम की पत्तियों को पीसकर बारीक पेस्ट बना लें। अब इसमें तीन चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर अच्छी तरह मिश्रण तैयार करें। इस पेस्ट को फटी एड़ियों पर मोटी परत में लगाएं और लगभग आधे घंटे तक लगा रहने दें।
इसके बाद पैरों को गुनगुने पानी से धो लें और साफ कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें। नीम के कीटाणुनाशक और हल्दी के सूजनरोधी गुण एड़ियों की दरारों को भरने और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। नियमित उपयोग से एड़ियां धीरे-धीरे स्वस्थ और मुलायम होने लगती हैं।
फटी एड़ियों की समस्या में नीम एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय माना जाता है। इसके लिए एक मुट्ठी ताज़ी नीम की पत्तियों को पीसकर बारीक पेस्ट बना लें। अब इसमें तीन चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर अच्छी तरह मिश्रण तैयार करें। इस पेस्ट को फटी एड़ियों पर मोटी परत में लगाएं और लगभग आधे घंटे तक लगा रहने दें।
इसके बाद पैरों को गुनगुने पानी से धो लें और साफ कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें। नीम के कीटाणुनाशक और हल्दी के सूजनरोधी गुण एड़ियों की दरारों को भरने और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। नियमित उपयोग से एड़ियां धीरे-धीरे स्वस्थ और मुलायम होने लगती हैं।
नींबू और शहद
नींबू में प्राकृतिक रूप से साफ करने और हल्का निखार देने वाले गुण होते हैं, जबकि शहद त्वचा को पोषण देकर मुलायम बनाता है। दोनों को आपस में मिलाकर एड़ियों पर लगाएं और करीब 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह उपाय डेड स्किन हटाने में मदद करता है और एड़ियों को साफ, कोमल व चमकदार बनाने में सहायक होता है।
नींबू में प्राकृतिक रूप से साफ करने और हल्का निखार देने वाले गुण होते हैं, जबकि शहद त्वचा को पोषण देकर मुलायम बनाता है। दोनों को आपस में मिलाकर एड़ियों पर लगाएं और करीब 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद गुनगुने पानी से धो लें। यह उपाय डेड स्किन हटाने में मदद करता है और एड़ियों को साफ, कोमल व चमकदार बनाने में सहायक होता है।
गुनगुना पानी और नमक
गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर उसमें पैरों को लगभग 15 मिनट तक भिगोकर रखें। इसके बाद स्क्रबर या प्यूमिक स्टोन की मदद से एड़ियों पर जमी मृत त्वचा को हल्के हाथ से साफ करें। इस उपाय को हफ्ते में दो बार अपनाने से त्वचा की गंदगी हटती है और एड़ियां साफ, मुलायम व सॉफ्ट बनी रहती हैं।
गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर उसमें पैरों को लगभग 15 मिनट तक भिगोकर रखें। इसके बाद स्क्रबर या प्यूमिक स्टोन की मदद से एड़ियों पर जमी मृत त्वचा को हल्के हाथ से साफ करें। इस उपाय को हफ्ते में दो बार अपनाने से त्वचा की गंदगी हटती है और एड़ियां साफ, मुलायम व सॉफ्ट बनी रहती हैं।
केला और शहद का पैक
पके हुए केले को अच्छी तरह मसल लें और उसमें एक चम्मच शहद मिला दें। इस मिश्रण को एड़ियों पर लगाकर करीब 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद साफ पानी से धो लें। केला त्वचा को पोषण और नमी देता है, जबकि शहद अपने एंटीसेप्टिक गुणों से एड़ियों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
पके हुए केले को अच्छी तरह मसल लें और उसमें एक चम्मच शहद मिला दें। इस मिश्रण को एड़ियों पर लगाकर करीब 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद साफ पानी से धो लें। केला त्वचा को पोषण और नमी देता है, जबकि शहद अपने एंटीसेप्टिक गुणों से एड़ियों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल अपने हीलिंग और मॉइस्चराइजिंग गुणों के लिए जाना जाता है। रात के समय एड़ियों को साफ करके उस पर एलोवेरा जेल अच्छी तरह लगा लें और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। इससे त्वचा को गहराई से नमी मिलती है, स्किन रिपेयर होती है और एड़ियों में पड़ी दरारें भरने में मदद मिलती है।
एलोवेरा जेल अपने हीलिंग और मॉइस्चराइजिंग गुणों के लिए जाना जाता है। रात के समय एड़ियों को साफ करके उस पर एलोवेरा जेल अच्छी तरह लगा लें और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। इससे त्वचा को गहराई से नमी मिलती है, स्किन रिपेयर होती है और एड़ियों में पड़ी दरारें भरने में मदद मिलती है।
एड़ियों के फटने के सामान्य कारण
- एड़ियों का फटना केवल बाहरी देखभाल की कमी से नहीं, बल्कि जीवनशैली, खानपान और आदतों से भी जुड़ा होता है। इसके प्रमुख कारण इस प्रकार हो सकते हैं—
- असमान या खुरदरी जमीन पर बार-बार चलना
- नंगे पैर चलने की आदत
- अत्यधिक सूखे, कसैले, कड़वे और तीखे स्वाद वाले खाद्य पदार्थों का सेवन
- तंबाकू या अधिक मात्रा में सुपारी चबाना
- लंबे समय तक और ज्यादा मात्रा में कॉफी जैसे गहरे पेय पदार्थ पीना
- तेज केमिकल वाले डिटर्जेंट का उपयोग
- देर रात तक जागना या नाइट शिफ्ट में काम करना
- पैरों की साफ-सफाई का ध्यान न रखना
- कठोर फर्श पर लंबे समय तक खड़े रहना
- लंबी दूरी तक पैदल चलना
- ठंडे और शुष्क वातावरण के संपर्क में ज्यादा रहना
- ठंडे और सूखे मौसम या स्थान में रहना
- नींद की कमी या रात में जागने की आदत
- मानसिक तनाव, शोक, ईर्ष्या जैसी भावनात्मक स्थितियां
- दूध, दही, घी, मक्खन और इनके उत्पादों का कम सेवन
- फलों और सब्जियों की कमी
- नियमित रूप से अत्यधिक मांसाहारी भोजन करना
फटी एड़ियों के उपचार में सहायक प्रमुख एकल जड़ी-बूटियां
आयुर्वेद में फटी एड़ियों की समस्या के लिए कई प्रभावी एकल जड़ी-बूटियों का उल्लेख मिलता है, जो त्वचा को पोषण देने, दरारें भरने और घाव भरने में सहायक होती हैं—मधुच्छिष्ट (मधुमक्खी का मोम)
मधुमक्खी के मोम से बने मलहम त्वचा पर सुरक्षा परत बनाते हैं और फटी एड़ियों को भरने में उपयोगी होते हैं।
मंजिष्ठा (रूबिया कॉर्डिफ़ोलिया)
यह पित्त दोष को शांत करती है और त्वचा के घावों को भरने में मदद करती है।
सरजरासा (शोरिया रोबस्टा)
एड़ियों की दरारें कम करने और उपचार प्रक्रिया को तेज करने में सहायक मानी जाती है।
सारिवा (हेमिडेसमस इंडिका)
पित्त शमन के साथ-साथ घावों को ठीक करने में लाभकारी होती है।
कुमारी (एलोवेरा)
त्वचा के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी, मॉइस्चराइजिंग और हीलिंग गुणों से भरपूर।
घृत (घी)
त्वचा को गहराई से पोषण देता है और रूखापन दूर करने में सहायक होता है।
गैरिका (लाल गेरू)
आयुर्वेद में इसे श्रेष्ठ घाव भरने वाले द्रव्यों में गिना जाता है।
निम्बा (नीम – अज़ादिरैक्टा इंडिका)
कीटाणुनाशक गुणों से भरपूर, संक्रमण रोकता है और दरारें भरने में मदद करता है।
चंदना (चंदन लकड़ी – सैंटालम एल्बम)
वात और पित्त को संतुलित करता है, अतिरिक्त नमी सोखता है और प्रभावित स्थान को शुद्ध करता है।
हरिद्रा (हल्दी – करकुमा लोंगा)
सूजन कम करने और घावों को जल्दी भरने में सहायक।
यष्टिमधु (मुलेठी – ग्लाइसीरिजा ग्लबरा)
सूजनरोधी गुणों के साथ त्वचा की मरम्मत में उपयोगी।
तिला तेल (तिल का तेल)
त्वचा को गहराई से पोषण देता है, रूखापन दूर करता है और फटी एड़ियों में विशेष लाभकारी माना जाता है।
एड़ियों का फटना क्या है What is Cracked Heel in Hindi
एड़ियों के फटने की समस्या को आम बोलचाल में बिवाई कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब पैरों के तलवों और एड़ियों की नाजुक त्वचा अत्यधिक रूखी हो जाती है। नमी की कमी के कारण त्वचा सख्त होने लगती है और धीरे-धीरे उसमें दरारें पड़ जाती हैं। इन्हीं दरारों को एड़ियों का फटना कहा जाता है।पैरों में बढ़ा हुआ रूखापन इस समस्या का मुख्य कारण होता है। खासतौर पर डायबिटीज से पीड़ित लोगों में इसका खतरा अधिक रहता है। जब ब्लड शुगर नियंत्रित नहीं रहता, तो पैरों की नसों पर असर पड़ता है, जिससे त्वचा की नमी कम हो जाती है और एड़ियां जल्दी फटने लगती हैं।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और घरेलू उपायों के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। किसी भी घरेलू उपाय, जड़ी-बूटी या नुस्खे को अपनाने से पहले योग्य चिकित्सक, आयुर्वेदाचार्य या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
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