दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम कौन सा चूर्ण अच्छा है
इस लेख में हम कब्ज दूर करने वाली दो आयुर्वेदिक ओषधि (चूर्ण) पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यं चूर्ण/वटी के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।
Jhandu Nityam Churna Ingredients
आंवला अम्ल वृष्य और शीत होता है, जो श्लेष्म, पित्त और वात को शांत करता है। इसका सेवन शुक्र के उत्पादन को बढ़ाता है। इसका सेवन सभी प्रकार के जीवों के लिए उपयोगी होता है। आंवला का उपयोग स्वस्थ जीवन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
Causes of Constipation कब्ज के कारण :
पतंजलि शुद्धि चूर्ण से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर
Patanjali Shuddhi Churna की शेल्फ लाइफ क्या है?
उत्तर: Patanjali Shuddhi Churna की शेल्फ लाइफ निर्माण की तारीख से 24 महीने है। इसका उपयोग करने से पहले अतिरिक्त दिनांक की जांच की जानी चाहिए। इसे सीधी धूप और नमी से दूर एक ठंडी और सूखी जगह में रखना चाहिए।
पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम चूर्ण में कौन सा चूर्ण अच्छा है ?
पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम चूर्ण दोनों ही आयुर्वेदिक ओषधि हैं जिनके घटक आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हैं। झंडू नित्यं चूर्ण के घटक आंवला, हरीतकी, सौंफ, मुलेठी, अरण्डी का तेल, सनाय आदि हैं। इस लेख में हम दोनों चूर्ण के घटक के विषय में विस्तार से जानेंगे।
Jhandu Nityam Churna Ingredients
आंवला : आंवले का उपयोग आयुर्वेदिक ओषधियों में बहुतयात से किया जाता है, यह पोषक होने के साथ ही कई अन्य गुणों से युक्त होता है। आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक होता है। आंवला एक उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर फल भी होता है।
आंवला धात्रीफल कहलाता है और यह तीन तरह के दोष (वात, पित्त, कफ) को शांत करता है। इसका सेवन पाचन के लिए गुणकारी होता है और इसका सेवन कफ और वात को दूर करता है और इसके रसायन गुण (पोषक ) तेज को बढ़ाते हैं।
इसलिए, आंवला का उपयोग शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
आंवला धात्रीफल कहलाता है और यह तीन तरह के दोष (वात, पित्त, कफ) को शांत करता है। इसका सेवन पाचन के लिए गुणकारी होता है और इसका सेवन कफ और वात को दूर करता है और इसके रसायन गुण (पोषक ) तेज को बढ़ाते हैं।
इसलिए, आंवला का उपयोग शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
आंवला अम्ल वृष्य और शीत होता है, जो श्लेष्म, पित्त और वात को शांत करता है। इसका सेवन शुक्र के उत्पादन को बढ़ाता है। इसका सेवन सभी प्रकार के जीवों के लिए उपयोगी होता है। आंवला का उपयोग स्वस्थ जीवन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
स्वर्ण के समान चमकदार आंवला के साथ शर्करा नामक द्रव को मिलाकर उसे खाने से शीतलता प्राप्त होती है।
आंवला जो अम्लता से भरपूर होता है, शुक्र और वृष्य को बढ़ाता है और रक्तपित्त जैसी बीमारियों का नाश करता है। यह उत्तम रक्त शोधक होता है और सभी प्रकार की जीवाणुओं को नष्ट करने में सक्षम होता है।
आंवला जो अम्लता से भरपूर होता है, शुक्र और वृष्य को बढ़ाता है और रक्तपित्त जैसी बीमारियों का नाश करता है। यह उत्तम रक्त शोधक होता है और सभी प्रकार की जीवाणुओं को नष्ट करने में सक्षम होता है।
आंवला, हरीतकी और बहेड़ा नामक तीनों फल, कब्ज को दूर करती हैं और उनसे शरीर को मुक्त कराती हैं। इन तीनों वनस्पतियों में सबसे अधिक आंवला का प्रयोग कब्ज को दूर करने के लिए किया जाता है।
हरीतकी : हरीतकी को अमृत नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके कई फायदे होते हैं। इसे पाचन शक्ति बढ़ाने, कब्ज को दूर करने, श्लेष्मा का संतुलन बनाए रखने, विषम आहार पचाने आदि के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा बवासीर की समस्या को भी ठीक करने में सहायक होती है।
हरीतकी श्लेष्म घटक होती है जिससे वह शरीर के कफ को कम करती है। यह स्वादिष्ट होती है और वृष्य होती है, जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाती है। इसका सेवन करने से रोगों के उत्पत्ति के कारण होने वाले कफ-वात जैसे रोग दूर होते हैं। इसके अलावा यह रुखी होती है और शरीर के पाचन शक्ति को बढ़ाती है।
सौंफ : सौंफ का उपयोग पाचन शक्ति को बढ़ाने में किया जाता है। इसके अलावा यह अनेक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। सौंफ में पाये जाने वाले उत्तेजक तत्व पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं जो भोजन को अच्छी तरह से पचाने में मदद करते हैं। सौंफ में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट विटामिन सी, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।
सौंफ खाने से पाचन शक्ति उत्तम होती है और वयस्तु बढ़ता है। साथ ही इससे वात, कफ, कृमि, उदररोग, शोफ, ज्वर आदि विकारों को दूर करने में सहायक होता है। सौंफ बल, पाचन शक्ति और रसायन गुणों से भरपूर होता है। यह तृष्णा को दूर करता है और कफ, श्लेष्म विकारों और कीटाणुओं को नष्ट करता है।
मुलेठी : मुलेठी या मुलहठी (Licorice) एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है। यह पौधा गुणों से भरपूर होता है जैसे कि मुलेठी मधुर विषादित, बल्य, श्लेष्महर, वातहर, शीतल, तर्पण, पाचन, कफहर, मलशोधक आदि।
मुलेठी मधुर, कटु और तिक्त रस होते हैं। यह वृष्य, दीपन, बल्य, श्लेष्महर, पित्त को दूर करता है और दाह शांत करता है। मुलेठी शरीर को सुखद रखता है और जीवनकाल लिए जाने वाली होती है।
मुलेठी मधुर, कटु और तिक्त रस होते हैं। यह वृष्य, दीपन, बल्य, श्लेष्महर, पित्त को दूर करता है और दाह शांत करता है। मुलेठी शरीर को सुखद रखता है और जीवनकाल लिए जाने वाली होती है।
अरण्डी का तेल : अरण्डी का तेल (Castor Oil) एक प्राकृतिक तेल है जो अरण्डी के बीजों से निकाला जाता है। यह तेल अनेक रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है, जैसे कि कब्ज, त्वचा संबंधी समस्याएं, बालों के झड़ने की समस्या, इन्फेक्शन, घावों और घावों के भरने के इलाज में।
अरण्डी के तेल में स्निग्ध, उष्ण, मधुर, श्लक्ष्ण और लघु गुण होते हैं। यह पित्त और श्लेष्म को दूर करता है और तर्पण, मलशोधन गुण होते हैं। अरण्डी का तेल वृष्य, स्नेहन, उष्ण, वातहर, तिक्त, मलशोधन और पाचन गुणों से युक्त होता है। इसका सेवन करने से सौम्यता बढ़ती है।
अरण्डी के तेल में अमरक और श्लेष्मल गुण होते हैं जो शूल और ज्वर को दूर करते हैं। इसका सेवन विदाही लक्षणों को दूर करता है और पाचन तथा ज्वर को भी दूर करता है।
अरण्डी के तेल में स्निग्ध, उष्ण, मधुर, श्लक्ष्ण और लघु गुण होते हैं। यह पित्त और श्लेष्म को दूर करता है और तर्पण, मलशोधन गुण होते हैं। अरण्डी का तेल वृष्य, स्नेहन, उष्ण, वातहर, तिक्त, मलशोधन और पाचन गुणों से युक्त होता है। इसका सेवन करने से सौम्यता बढ़ती है।
अरण्डी के तेल में अमरक और श्लेष्मल गुण होते हैं जो शूल और ज्वर को दूर करते हैं। इसका सेवन विदाही लक्षणों को दूर करता है और पाचन तथा ज्वर को भी दूर करता है।
अतः स्पष्ट है की झंडू नित्यम चूर्ण कब्ज के लिए असरदायक ओषधि है। इसे आप वैद्य की सलाह के उपरान्त कब्ज दूर करने के लिए कर सकते हैं।
Patanjali Divya Shuddhi Churna : Ingredients, Benefits and uses
पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण कब्ज, अपच, गैस, आफरा आदि के लिए एक असरदायक ओषधि है। इसके सेवन से क्रोनिक कब्ज में भी सुधार आता है। पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण के बारे में आइये विस्तार से जान लेते हैं।
Main Ingredients of Patanjali Shuddhi Churna
- भूमि आंवला/ Bhumi Amla
- टंकण भष्म/ Tankan Bhasm
- जीरा/ Jeera
- इन्द्रायण /Indrayan
- हरड़ (Terminalia chebula)
- बहेड़ा/Baheda (Terminalia bellerica)
- आंवला (Emblica officinalis)
- सोंठ (Zingiber officinale)
- काली मिर्च (Piper nigrum)
- हिंग (Ferula asafoetida)
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के लाभ /फायदे : पतंजलि शुद्धि चूर्ण के सेवन से लम्बे समय से कब्ज विकार से पीड़ित व्यक्ति को सुधार प्राप्त होता है क्योंकि इसमें इन्द्रायण इसे विशेष बनाता है। शुद्धि चूर्ण विषाक्त पदार्थों को शरीर से दूर करता है, पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, जीवन शक्ति को बढ़ाता है।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के विषय में विस्तार से पढ़ें :
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे, उपयोग
पायें पुरानी से पुरानी कब्ज में तुरंत राहत | Cure Constipation Naturally | Divya Shuddhi Churna
अच्छी पाचन शक्ति के लिए कुछ उपाय हैं जिनका पालन करके आप पाचन तंत्र को दुरुस्त कर सकते हैं, क्योंकि खराब पाचन अन्य कई विकारों को पैदा करता है। कब्ज रहने पर पेट में अधिक गैस का बनना, पेट में दर्द रहना, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अपच, त्वचा समस्याएं आदि कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- समय पर भोजन करें: भोजन को संतुलित मात्रा में नियमित समय पर करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
- उचित भोजन लें: आपको सही मात्रा में उचित पोषण प्रदान करने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
- खूब पानी पिए : अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना, जैसे कि पानी, शरबत आदि, पाचन को सुधारने में मदद करते हैं।
- व्यायाम करें : अपने जीवन में योग को शामिल करें, टहलने जाएँ और शारीरिक रूप से सक्रीय रहें।
- अच्छी नींद: पूरी नींद लेना और स्ट्रेस कम करना आपकी पाचन शक्ति को सुधारता है।
- पाचन टॉनिक: पाचन टॉनिक सेवन करना आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- दूध और दही सेवन करें: दूध और दही में मौजूद प्रोबायोटिक आपकी पाचन शक्ति को सुधारते हैं।
- मसाले: जीरा, धनिया, हींग, अदरक, लहसुन आदि पाचन को सुधारते हैं।
- नींबू पानी: नींबू पानी में मौजूद विटामिन सी आपकी पाचन शक्ति को सुधारता है।
Causes of Constipation कब्ज के कारण :
अप्रयाप्त पानी का सेवन : यदि आप उचित मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो यह कब्ज का कारण बनता है। इसलिए जब भी प्यास लगे, पानी जरूर पीना चाहिए।
चाय कॉफी का सेवन अधिक सेवन : अधिक मात्रा में चाय / कॉफी का सेवन हमारे शरीर में कब्ज का कारण बनता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही चाय और कॉफी का सेवन करना चाहिए।
तले भुने/मैदा का ज्यादा उपयोग : हमें हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग अधिकता से करना चाहिए। मैदा के स्थान पर चौकोर युक्त आटे का उपयोग करना चाहिए। ज्यादा मिर्च मसालों से पाचन तंत्र खराब होता है।
शारीरिक सक्रियता का अभाव : यदि आप व्यायाम, सैर आदि नहीं करते हैं और आपके जीवन में शारीरिक मेहनत का अभाव है तो निश्चित ही आप कब्ज के शिकार हो सकते हैं। सुबह शाम सैर पर जाना,योग करना, शारीरिक मेहनत से आप कब्ज में सुधार ला सकते हैं .
चाय कॉफी का सेवन अधिक सेवन : अधिक मात्रा में चाय / कॉफी का सेवन हमारे शरीर में कब्ज का कारण बनता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही चाय और कॉफी का सेवन करना चाहिए।
तले भुने/मैदा का ज्यादा उपयोग : हमें हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग अधिकता से करना चाहिए। मैदा के स्थान पर चौकोर युक्त आटे का उपयोग करना चाहिए। ज्यादा मिर्च मसालों से पाचन तंत्र खराब होता है।
शारीरिक सक्रियता का अभाव : यदि आप व्यायाम, सैर आदि नहीं करते हैं और आपके जीवन में शारीरिक मेहनत का अभाव है तो निश्चित ही आप कब्ज के शिकार हो सकते हैं। सुबह शाम सैर पर जाना,योग करना, शारीरिक मेहनत से आप कब्ज में सुधार ला सकते हैं .
अधिक चिंतित रहना / सोच विचार करना : यदि आप किसी भी विषय पर अधिक चिंतित रहते हैं, तो इससे अवसाद के अतिरिक्त कब्ज जैसे विकार भी उतपन्न हो सकते हैं। अतः खुश रहें, प्रकृति का आनंद लें और संतोष को जीवन में स्थान दें।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर
पतंजलि शुद्धि चूर्ण क्या है?
उत्तर: पतंजलि शुद्धि चूर्ण एक प्राकृतिक औषधि है जो पाचन तंत्र को संतुलित करती है। यह चूर्ण आंवला, हरड़ और बहेड़ा जैसी प्राकृतिक औषधीय जड़ी बूटी से बना होता है।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण का उपयोग क्या है?
उत्तर: पतंजलि शुद्धि चूर्ण का उपयोग पाचन तंत्र को संतुलित करने, कब्ज को दूर करने और शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए किया जाता है।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण कैसे उपयोग करें?
उत्तर: पतंजलि शुद्धि चूर्ण को आमतौर पर रात को सोने से पहले वैद्य द्वारा बताई गई मात्रा में गुनगुने / गर्म पानी से लिया जाता है।
उत्तर: पतंजलि शुद्धि चूर्ण एक प्राकृतिक औषधि है जो पाचन तंत्र को संतुलित करती है। यह चूर्ण आंवला, हरड़ और बहेड़ा जैसी प्राकृतिक औषधीय जड़ी बूटी से बना होता है।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण का उपयोग क्या है?
उत्तर: पतंजलि शुद्धि चूर्ण का उपयोग पाचन तंत्र को संतुलित करने, कब्ज को दूर करने और शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए किया जाता है।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण कैसे उपयोग करें?
उत्तर: पतंजलि शुद्धि चूर्ण को आमतौर पर रात को सोने से पहले वैद्य द्वारा बताई गई मात्रा में गुनगुने / गर्म पानी से लिया जाता है।
Patanjali Shuddhi Churna का परिणाम दिखने में कितना समय लगता है?
उत्तर: Patanjali Shuddhi Churna का परिणाम हरेक व्यक्ति के लिए भिन्न होता है जो विभिन्न कारकों जैसे स्थिति की यथा विकार की जटिलता, उम्र, देशकाल आदि। हालांकि आप वैद्य के सुझाव के अनुसार निश्चित समय के लिए इस चूर्ण का उपयोग करें।
क्या Patanjali Shuddhi Churna का उपयोग वजन घटाने के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: Patanjali Shuddhi Churna वजन घटाने के लिए विशेष रूप से विपणित नहीं किया जाता है। हालांकि, इसे पाचन तंत्र और चयापचय को बेहतर बनाने में मदद करने का विश्वास किया जाता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से वजन घटाने में सहायता कर सकता है।
उत्तर: Patanjali Shuddhi Churna का परिणाम हरेक व्यक्ति के लिए भिन्न होता है जो विभिन्न कारकों जैसे स्थिति की यथा विकार की जटिलता, उम्र, देशकाल आदि। हालांकि आप वैद्य के सुझाव के अनुसार निश्चित समय के लिए इस चूर्ण का उपयोग करें।
क्या Patanjali Shuddhi Churna का उपयोग वजन घटाने के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: Patanjali Shuddhi Churna वजन घटाने के लिए विशेष रूप से विपणित नहीं किया जाता है। हालांकि, इसे पाचन तंत्र और चयापचय को बेहतर बनाने में मदद करने का विश्वास किया जाता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से वजन घटाने में सहायता कर सकता है।
Patanjali Shuddhi Churna की शेल्फ लाइफ क्या है?
उत्तर: Patanjali Shuddhi Churna की शेल्फ लाइफ निर्माण की तारीख से 24 महीने है। इसका उपयोग करने से पहले अतिरिक्त दिनांक की जांच की जानी चाहिए। इसे सीधी धूप और नमी से दूर एक ठंडी और सूखी जगह में रखना चाहिए।
Heath/Medical Disclaimer : The
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educational and informational purposes only and is not intended as
medical advice. Always consult with a qualified healthcare professional
before making any changes to your health or wellness routine or making
opinion for constipation and Patanajli Divya Shuddhi Churna