शुद्धि चूर्ण फायदे और उपयोग घटक सेवन विधि
पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण फायदे और उपयोग Patanjali Shuddhi Churna Benefits Hindi
पतंजलि शुद्धि चूर्ण क्या है ?
शुद्धि चूर्ण के प्रमुख घटक Ingredients of Patanjali Shuddhi Churna in Hindi
- Harad - हरड़ (Terminalia chebula)
- Baheda - बहेड़ा (Terminalia bellirica)
- Bhumi Amla - भूमि आंवला (Phyllanthus niruri)
- Tankan Bhasm - टंकण भस्म (Borax or Sodium borate)
- Jeera - जीरा (Cuminum cyminum)
- Hing - हींग (Ferula asafoetida)
- Indrayan - इन्द्रायण (Citrullus colocynthis)
शुद्धि चूर्ण के फायदे /लाभ Patanjali Shuddhi Churna Benefits in Hindi
कब्ज दूर करने में पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Shuddhi Churna in relieving constipation
पतंजलि शुद्धि चूर्ण कब्ज को दूर करता है। यह चूर्ण मल को सख्त होकर एक जगह चिपकने से रोकता है। इससे मल त्याग में आसानी होती है। शुद्धि चूर्ण के प्राकृतिक घटक जैसे कि बहेड़ा, हरीतकी, सेन्ना, निशोथ, अमलकी, आंवला, इन्द्रायण आदि कब्ज को दूर करते हैं। इस चूर्ण के उपयोग से पाचन शक्ति बढ़ती है जो शरीर को पोषण प्रदान करती है और पेट स्वस्थ रखने में मदद करती है। आप पाएंगे की कब्ज के नियंत्रण में आने पर पेट का फूलना, खट्टी डकार, जी मिचलाना जैसे विकार स्वतः ही नियन्त्र में आ आते हैं।वर्तामन समय में कब्ज होना सामान्य बात है, क्योंकि हमारे जीवन की शैली बदल चुकी है। हमारा विचरण / पैदल चलना, शारीरिक मेहनत समाप्त हो गए हैं। शरीर के निष्क्रिय हो जाने पर कब्ज जैसे विकार होना तय है। इसलिए आप भी अधिक से अधिक पैदल चले, साइकिल चलाएं, कसरत करें, सैर करें, जिम जाएँ, गार्डनिंग करें, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें जिससे शरीर सक्रीय बना रह और वह प्राकृतिक रूप से अपना काम करें।
अपच में दिव्य शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Divya Shuddhi Churna in indigestion
पेट फूलने की समस्या में पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Shuddhi Churna in the problem of flatulence
यह चूर्ण पेट में बनी गैस को कम करता है और और पेट के भारीपन की समस्या को दूर करता है। इस चूर्ण का नियमित उपयोग करने से पेट साफ़ होता है और मल संग्रह नहीं होता है, और पेट संबंधित समस्याओं को दूर करता है, जैसे कि एसिडिटी और अपच।इस चूर्ण में मौजूद जड़ी-बूटियों की गुणवत्ता से यह पेट की समस्याओं को दूर करता है। यह चूर्ण पेट में बदहजमी और गैस के कारण होने वाली पेट में दर्द को भी कम करता है और आराम प्रदान करता है। इस चूर्ण का नियमित उपयोग करने से पेट का स्वास्थ्य बना रहता है और पेट से संबंधित समस्याओं को रोकता है।
भूख बढ़ाने में दिव्य शुद्धि चूर्ण के बेनिफिट्स Benefits of Divya Shuddhi Churna in increasing appetite
यह चूर्ण पाचन प्रक्रिया को सुधारता है और भोजन को अच्छी तरह से पचाने में मदद करता है, जिससे भूख बढ़ती है। इस चूर्ण में मौजूद औषधीय जड़ी-बूटियाँ भूख बढ़ाने की प्रक्रिया बल देती हैं और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाती हैं, जिससे भूख बढ़ती है। यह चूर्ण प्राकृतिक रूप से शरीर की ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है और शरीर को ताजगी और ओज़ देता है, जो भूख बढ़ाने में मदद करता है।पेट गैस की शिकायत में पतंजलि दिव्य चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Divya Churna in the complaint of stomach gas
पाचन संबंधित विकारों में पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Shuddhi Churna in digestive disorders
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के नुकसान (Patanjali Shuddhi Churna Side Effects)
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के नुकसानों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं। पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको इस चूर्ण के किसी भी घटके से एलर्जी नहीं है। ध्यान देने वाली बात है कि यह चूर्ण किसी अन्य औषधि या स्वास्थ्य सप्लीमेंट के साथ मिश्रित नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह दवा के प्रभाव को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको किसी प्रकार की अन्य चिकित्सा समस्या है या आप गर्भवती हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। साथ ही, इस चूर्ण की सुविधा मात्रा का पालन करें और अतिरिक्त मात्रा का उपयोग न करें। यदि आपको किसी प्रकार की संदेह है या साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और दवा का उपयोग बंद करें।- पतंजलि शुद्धि चूर्ण को डॉक्टर की सलाह लिए बिना नहीं लेना चाहिए
- विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को डॉक्टर की सलाह के उपरान्त ही यह चूर्ण दिया जाना चाहिए।
- पतंजलि शुद्धि चूर्ण की अतिरिक्त खुराक लेने से बचा जाना चाहिए, क्योंकि यह आपको इस चूर्ण पर निर्भर बना देगा, चूर्ण के साथ ही समस्त ऐसे तरीके / माध्यम जिनसे आप स्वंय के पाचन को ठीक कर लें, उनका पालन करना चाहिए।
- इस चूर्ण के उपयोग से आपको पेट हल्का सा दर्द हो सकता है।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के उपयोग (Patanjali Shuddhi Churna Uses in Hindi)
- मानदंडों के अनुसार मात्रा और समय: चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों के अनुसार इस चूर्ण की मात्रा और समय निर्धारित करें। आमतौर पर, दिन में 1-2 चम्मच चूर्ण की मात्रा ली जाती है जिसे गुनगुने पानी के साथ लेना होता है।
- स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार उपयोग: पतंजलि शुद्धि चूर्ण को पाचन संबंधित विकारों, पेट गैस, एसिडिटी, और खट्टी डकार जैसी समस्याओं के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसे बिना चिकित्सकीय सलाह के न लें।
- सही रूप से संभाल कर रखें: इस चूर्ण को ठंडी और सुखी जगह पर सुरक्षित रखें। नमी से वाले स्थान पर इसे ना रखें ।
- अन्य चिकित्सकीय उपचार के साथ मिश्रित न करें: पतंजलि शुद्धि चूर्ण को किसी अन्य चिकित्सकीय उपचार के साथ मिश्रित नहीं करना चाहिये। यदि आप दूसरी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं या किसी अन्य चिकित्सकीय सलाह पर हैं, तो इस चूर्ण का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
पतंजलि शुद्धि चूर्ण की सेवन विधि (Divya Shuddhi Churna Dose)
पतंजलि शुद्धि चूर्ण को सामान्य रूप से रात को खाने के १ घंटे बाद सोते समय एक छोटी चम्मच गर्म पानी के साथ लिया जाता है। यह मात्रा आपके शरीर में स्थापित कब्ज की प्रबलता के मुताबिक़ कम ज्यादा हो सकती है। यदि कब्ज अधिक हो तो इसका उपयोग दिन में भी किया जा सकता है। (How to Use & Dosage)दिव्य शुद्धि चूर्ण कहां से खरीदें (Buy Divya Shuddhi Churna)
पतंजलि शुद्धि चूर्ण पतंजलि आयुर्वेदिक स्टोर्स/चिकित्सालय पर उपलब्ध है, जहाँ से आप इसे खरीद सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप इसे ऑनलाइन माध्यम से भी खरीद सकते हैं। पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट पर इसके बारे में विस्तार से बताया गया है, जहां से आप इसे खरीद सकते हैं, इसका लिंक निचे दिया गया है :-पतंजलि शुद्धि चूर्ण (पतंजलि आयुर्वेद वेबसाइट)
दिव्य शुद्धि चूर्ण की कीमत
पतंजलि शुद्धि चूर्ण के घटक : परिचय और लाभ
बहेड़ा (Terminalia bellirica) एक प्राकृतिक औषधिय गुणों से भरपूर ओषधि है। बहेड़ा का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में किया जा सकता है।
बहेड़ा पाचन प्रक्रिया को सुधारकर पाचन सिस्टम को स्वस्थ बना सकता है। यह आंतों को साफ़ करता है और विटामिन एवं खनिजों को शरीर में अधिक अवशोषित करवाने में सहायता करता है।
बहेड़ा श्वसनली संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायता कर सकता है, जैसे कि कफ, छींक और कफवात से संबंधित परेशानियां। यह श्वासनली को स्वस्थ रखकर श्वासनली विकारों को कम करने में मदद कर सकता है।
बहेड़ा शरीर की विषाक्तता को कम करने में मदद कर सकता है। यह शरीर की विषाक्तता को नियंत्रित करके त्वचा, बाल और नाखूनों की स्वस्थता को बनाए रखने में सहायता कर सकता है।
क्रिमिनाशिनी त्रिदोषघ्नी विशुद्धि कर्म करोति तत्।।
बहेड़ा की पाचनी गुण, दीपनी गुण, रुचिकरी गुण, क्रिमिनाशिनी गुण, त्रिदोष नाशक गुण और विशुद्धि कर्म बताए गए हैं।
भूमि आंवला (Phyllanthus niruri) एक प्राकृतिक औषधि है जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में किया जा सकता है. यह पाचन को सुधारता है, कब्ज दूर करता है और लिवर को शुद्ध करता है और इसके अतिरिक्त लिवर से सम्बंधित विकारों को कम करने में सहायता करता है। भूमि आंवला न केवल मूत्र पथ को सुधारता है अपितु मूत्र पथ संबंधी समस्याओं, जैसे कि मूत्राशय संबंधी संक्रमण, गुर्दे की पत्थरी और मूत्र विकारों को कम करने में मदद करता है।
भूमि आंवला एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीओक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और स्वास्थ्य को बेहतर करता है. इसलिए, भूमि आंवला एक प्राकृतिक उपचार है जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को सुधारने में मदद कर सकता है. यह शरीर के लिए संग्रहीत विटामिन सी, फ्लावोनॉयड्स, अल्कलॉयड्स, टैनिन्स, फेनॉलिक और ग्लाइकोसाइड्स आदि समृद्ध है जो इसे एक प्राकृतिक औषधि बनाते हैं. भूमि आंवला को विभिन्न रूपों में उपयोग में लिया जाता है जैसे कि काढ़ा, पाउडर, छाल और कैप्सूल आदि।
आयुर्वेद में, टंकण भस्म को मुख्य रूप से उसकी पाचन शक्ति बढ़ाने वाली, कवकनाशी, और संग्रहणी गुणों के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे शरीर पर शीतल प्रभाव होता है और यह आमतौर पर पाचन विकारों, जैसे कि एसिडिटी, पाचन संबंधी समस्याएं, और गैस के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
बुद्धिदं कषायं चापि शीतं चारुगनं बल्यं च तांबूलं जनयति।
भावप्रकाश
जीरा या जीरकंतक पाचन बल और बुद्धि बढ़ाता है, कषायता और शीतलता देता है, सौंदर्य को बढ़ाता है और तांबूल का रस पाचन को सुखद बनाता है।
जीरा त्रिदोषान्तकं शुचिंद्रियाणां बलापहम्।
चरक संहिता
जीरा तीन दोषों को शांत करता है, इंद्रियों को शुद्ध करता है और बल को बढ़ाता है।
तदा इन्द्रायणं लभ्यं पचने च गुणाढ्यम्॥
भाव प्रकाश (Bhava Prakash)
जब पित्तरोग या कब्ज जैसे दोष हो तो इन्द्रायण का सेवन पाचन को बढ़ाता है।
इन्द्रायणं त्रिदोषाणां पचनं वातपित्तदाः।
विशुद्धं देहमादत्ते तस्मिन् तं धन्वन्तरये नमः॥
इन्द्रायण वात, पित्त और कफ के विकारों को दूर करता है, पाचन को बढ़ाता है, शरीर को शुद्ध करता है, इसलिए मैं धन्वन्तरि नमस्कार करता हूँ।
उत्तर: शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं के लिए उपयोग की जाती है। यह जीरा, सौंठ, काली मिर्च, हरड़ और बहेड़ा जैसी जड़ी-बूटियों का मिश्रण (चूर्ण ) रूप में होता है।
प्रश्न: शुद्धि चूर्ण के क्या फायदे हैं?
उत्तर: शुद्धि चूर्ण के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:
- पाचन को सुधारता है और अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्याओं को कम करता है।
- शरीर की अम्लता को नियंत्रित करता है और अम्लपित्त और हृदय रोग को रोकता है।
- शुद्धि चूर्ण शरीर को शुद्ध करता है और विषैले पदार्थों के विनाशक प्रभाव को कम करता है।
- यह शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और ताकत और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
उत्तर: शुद्धि चूर्ण का निम्नलिखित व्यक्ति इस्तेमाल नहीं करना चाहिए:
- गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान करा रही महिलाएँ।
- नवजात शिशुओं को।
- गंभीर श्वसन संबंधी रोग (जैसे कि अस्थमा) या उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को।
- यदि किसी को किसी भी प्रकार की एलर्जी या शरीरिक परेशानी हो तो उसे भी नहीं उपयोग करना चाहिए।
उत्तर: शुद्धि चूर्ण को किसी भी प्राकृतिक औषधी दुकान, आयुर्वेदिक दवा स्टोर, और विश्वसनीय आयुर्वेदिक चिकित्सक या पतंजलि की ऑनलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध है।
A. वैद्य के परामर्श के बाद ही इसे बच्चों को दें।
Q. क्या शुद्धि चूर्ण के कोई साइड इफेक्ट हैं?
A. यूँ तो ये एक आयुर्वेदिक चूर्ण है जिसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं फिर भी विस्तृत जानकारी के लिए इस लेख को पूर्ण रूप से पढ़ें, और वैद्य की राय अवश्य प्राप्त करें।
Q. क्या शुद्धि चूर्ण महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
A. सामन्य रूप से उपयोग करने पर यह दवा सुरक्षित है। परन्तु गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, इस सम्बन्ध में वैद्य से सलाह अवश्य ही प्राप्त करें।
शुद्धि चूर्ण के उपयोग हेतु सावधानी (Caution)
- दिव्य शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, लेकिन इसका सेवन बिना विशेषज्ञ की देखरेख में नहीं करना चाहिए।
- पतंजलि शुद्धि चूर्ण को सुखी और ठंडी जगह पर स्टोर करें, और निश्चित मात्रा से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- यदि कोई साइड इफेक्ट हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, कोई भी आयुर्वेदिक दवा को अपनी मर्जी से ना लें ।
- दवा खरीदने से पहले दवा की पैकेजिंग और अंतिम तिथि की जाँच करनी चाहिए ।
- शुद्धि चूर्ण की अधिक मात्रा का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- दवा की निर्धारित मात्रा का सेवन चिकित्सक या वैद्य के निर्देशानुसार करें।
- अपच और पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद - शुद्धि चूर्ण शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाकर पेट में होने वाली अपच और पेट फूलने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
- पुराने कब्ज की समस्या से छुटकारा के लिए लाभकारी - शुद्धि चूर्ण विषैले पदार्थों को निकालकर आंतों की सफाई करने में मदद कर सकता है, जो पुराने कब्ज की समस्या से छुटकारा प्रदान कर सकता है।
- खट्टी डकार के उपचार में लाभकारी - शुद्धि चूर्ण में मौजूद औषधीय गुण खट्टी डकार को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो खट्टी डकार की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को आराम प्रदान कर सकता है।
- यह आंतों की सफाई में फायदेमंद - शुद्धि चूर्ण में मौजूद जड़ी बूटियों के गुण आंतों की सफाई करने में सहायक हो सकते हैं, जो आंतों की स्वस्थता को बढ़ा सकते हैं।
- अम्लता (एसीडिटी) के कारण गले में जलन में उपयोगी - शुद्धि चूर्ण गले में होने वाली अम्लता (एसिडिटी) की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे गले में जलन की समस्या से राहत मिल सकती है।
- पैट की गैस के उपचार में फायदेमंद - शुद्धि चूर्ण में मौजूद औषधीय गुण पैट की गैस को कम करने में सहायक हो सकते हैं, जो पैट की गैस की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को राहत प्रदान कर सकता है।
पाचन तंत्र को कैसे मजबूत करें how to strengthen the digestive system in Hindi
- शुद्ध और स्वास्थ्यपूर्ण आहार: पाचन को सुधारने के लिए आहार में शुद्ध और स्वास्थ्यपूर्ण तत्वों को शामिल करें। फल, सब्जियां, पौष्टिक अनाज, ताजगी दूध और दही जैसे पचने में सहायक आहार पदार्थों को अपनी आहार योजना में शामिल करें।
- नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करने से पाचन तंत्र को सुधारा जा सकता है। योग, ध्यान, पैदल चलना, स्विमिंग या किसी भी शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करके पाचन को सुधारने में मदद मिल सकती है।
- पर्याप्त पानी पीना: पर्याप्त पानी पीना पाचन को सुधारने में सहायक है। नियमित रूप से पानी पिएं और शुद्ध और स्वच्छ पानी का उपयोग करें।
- समय पर खाना खाना: नियमित समय पर खाना खाना पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है। खाने को बिना जल्दी जल्दी खाने के बजाय धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए।
- स्ट्रेस कम करें: अतिरिक्त स्ट्रेस पाचन को प्रभावित कर सकता है। स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, मेडिटेशन, योग या अन्य शांति प्राप्ति के तकनीकों का उपयोग करें।
- गुड़ का उपयोग करें: पाचन को सुधारने के लिए अपने भोजन में गुड़ का उपयोग करें।
- एक साथ ज्यादा भोजन ना करें : एक साथ अधिक भोजन के बजाय थोड़ा थोड़ा भोजन करने से पाचन में सुधार होता है। अधिक मात्रा में भोजन करने से आपके पाचन तंत्र को अधिक काम करना पड़ता है, जो पाचन को बिगाड़ सकता है।
- चटपटे और मैदा युक्त भोजन से बचे : चटपटे, अधिक मसालों वाले भोजन से बचें क्योंकि इनको पचने में अधिक समय लगता है। मैदे के स्थान पर चौकर युक्त आटे का उपयोग करें।
- सुबह शाम सैर करे : सुबह शाम आपको कुछ दूरी तक सैर और व्यायाम करना चाहिए। शारीरिक श्रम के कार्यों के बचना नहीं चाहिए, ये आपके शरीर को स्वस्थ रखते हैं और पाचन को भी सुधारते हैं।
कैसे सुधारें पाचन how to improve digestion
- तला हुआ, भरपूर मसालों या तेल वाले खाने से बचें, जैसे कि फ्राइड फूड, समोसे, पकोड़े और अन्य तले हुए नमकीन आदि।
- प्रोसेस्ड और रिफाइंड फ़ूड्स से बचें, जैसे कि बिस्किट, नमकीन स्नैक्स, चिप्स, ब्रेड और बेकारी प्रोडक्ट्स आदि।
- मैदा और मैदा से बने खाद्य पदार्थ जैसे कि नूडल्स, पास्ता, पिज़्ज़ा, ब्रेड आदि की मात्रा को कम करें और गेहूं के आटे या दूसरे पूर्ण अनाज का उपयोग करें।
- अतिरिक्त चीनी और मिठाई से बचें, जैसे कि केक, पेस्ट्री, बर्फी, कैंडी आदि।
- चिप्स, सॉडा और अन्य कार्बोहाइड्रेट और शुगर युक्त पेय न पिएं, जैसे कि कोला, ठंडी शरबत, फ्रूट जूस में ज्यादा शक्कर युक्त पेय आदि।
- प्रोटीन और फाइबर समृद्ध आहार पर ध्यान दें, जैसे कि फल, सब्जियाँ, दालें, गेहुँ के धान्य, चिकन, मछली, अंडे, अंकुरित दालें, मूंगफली आदि।
- ताजे फल और सब्जियों का उपयोग करें, जैसे कि गाजर, गोभी, पपीता, सेब, अनार, तरबूज, खरबूजा आदि जो पाचन को सुधारते हैं।
- प्रकृति से निकले हुए तेल, मक्खन, घी और गौमूत्र घी की मात्रा को कम करें और ताजे तेल जैसे कि जैतून का तेल, नारियल का तेल, सरसों का तेल का उपयोग करें।
पानी की पर्याप्त मात्रा पिएं, कम से कम 8-10 गिलास पानी रोज़ाना पिएं, जो पाचन को सुधारता है और कब्ज को कम करता है। - अल्कोहल, चाय, कॉफ़ी और अन्य कॉफ़ीन युक्त पेय की मात्रा को कम करें, क्योंकि इनका अतिरिक्त सेवन पाचन को प्रभावित कर सकता है।
कब्ज को दूर करने के घरेलु उपाय Home remedies to remove constipation
सेहत को स्वस्थ रखने के लिए आप घरेलू उपाय जैसे सौंफ, जीरा और अन्य उपाय आजमा सकते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख घरेलू उपाय पाचन की समस्या को दूर करने के लिए:सौंफ: सौंफ पाचन क्रिया को बढ़ाता है और गैस और एसिडिटी को कम करता है। आप एक गिलास गर्म पानी में थोड़ी सी सौंफ का चूर्ण डालकर पी सकते हैं या रात को सौंफ का पानी रखकर सुबह में खाली पेट पी सकते हैं।
जीरा: जीरा पाचन शक्ति को बढ़ाता है और गैस, एसिडिटी और कब्ज को कम करता है। आप एक गिलास गर्म पानी में थोड़ी सी जीरा पाउडर ( भुना हुआ ) डालकर पी सकते हैं या भोजन में थोड़ा सा जीरा पाउडर डालकर खा सकते हैं।
धनिया: धनिया पाचन को सुधारता है और गैस को कम करता है। आप धनिया के पत्तों /बीज को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर पी सकते हैं या धनिया की चाय पी सकते हैं।
पुदीना: पुदीना पाचन को मदद करता है और अपच और गैस को कम करता है। आप पुदीने के पत्तों को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर पी सकते हैं या पुदीने की चाय पी सकते हैं।
अजवाइन: अजवाइन पाचन को सुधारता है, गैस और एसिडिटी को कम करता है। आप अजवाइन को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पी सकते हैं या इसे ताजे फलों के साथ खा सकते हैं।
त्रिफला: त्रिफला एक प्राकृतिक औषधि है जो पाचन को सुधारती है, कब्ज को दूर करती है और गैस को कम करती है। आप रात को त्रिफला पानी को गर्म पानी में भिगोकर सुबह में खाली पेट पी सकते हैं। या रात को खाने के बाद त्रिफला का चूर्ण ले सकते हैं।
हल्दी और दूध: हल्दी और दूध का मिश्रण पाचन को सुधारता है और आपके पेट की समस्याओं को कम कर सकता है। आप गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पी सकते हैं, या हल्दी की चाय बना सकते हैं और इसे नियमित रूप से पी सकते हैं।
अंकुरित अनाज: अंकुरित अनाज जैसे गेहूं के जवारे, मेथी के दाने और चने के दाने पाचन को सुधारते हैं और कब्ज को कम करते हैं। आप इन्हें सलाद में या स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।
दही और छाछ: दही और छाछ पाचन को सुधारते हैं, प्रोबायोटिक होते हैं और कब्ज को कम करते हैं। आप दही, रायता या लस्सी के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं.
पानी: पानी पाचन को सुधारता है और कब्ज को कम करता है। आप नियमित रूप से पानी पीने से पाचन सिस्टम मजबूत होता है और कब्ज का खतरा कम होता है।
गुड़ और गुड़ के उत्पाद: गुड़ और गुड़ के उत्पाद पाचन को सुधारते हैं और कब्ज को कम करते हैं। आप गुड़ भोजन में अवश्य ही शामिल करें.
जौ का दलिया: जौ का दलिया पाचन को सुधारता है और कब्ज को कम करता है। आप जौ का दलिया प्रातः काल में या रात को सोते समय खा सकते हैं।
तुलसी की चाय: तुलसी की चाय पाचन को सुधारती है और कब्ज को कम करती है। आप तुलसी की पत्तियों की चाय बना सकते हैं और रोज़ाना पी सकते हैं।
कब्ज को दूर करने में लाभकारी योगासन
- पवनमुक्तासन (पूर्वाह्नकाल)
- पद्मासन (पूर्वाह्नकाल)
- वज्रासन (पूर्वाह्नकाल)
- शिताली प्राणायाम (पूर्वाह्नकाल)
- त्रिकोणासन (पूर्वाह्नकाल)
- अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन (पूर्वाह्नकाल)
- धनुरासन (पूर्वाह्नकाल)
- वक्रासन (पूर्वाह्नकाल)
हालांकि, हमेशा किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व चिकित्सक या वैद्यकीय सलाह लेनी चाहिए और स्वस्थ आहार और व्यायाम के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि आपका पाचन स्वस्थ रहे और कब्ज की समस्या कम हो।