Vitamin B12 की कमी को दूर करें मूंग दाल के पानी को
Vitamin B12 की कमी को दूर करें मूंग दाल के पानी को
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पोषण की कमी होना आम बात है, खासकर विटामिन B12 की, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है। विटामिन B12 हमारे शरीर में डीएनए के निर्माण और ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से थकान, एनीमिया, मांसपेशियों में कमजोरी, और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, विटामिन्स और पोषक तत्वों की पूर्ति प्राकृतिक रूप से आहार से ही करनी चाहिए, जो स्वस्थ शरीर और मन के लिए आवश्यक है।
विटामिन B12 की कमी के लक्षण
- थकावट और कमजोरी महसूस होना
- सांस लेने में परेशानी
- त्वचा का पीला होना
- हाथों और पैरों में झुनझुनी
- चिड़चिड़ापन और एकाग्रता की कमी
विटामिन B12 की कमी कैसे पूरी करें?
मूंग दाल का पानी: न्यूट्रिशनिस्ट और आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि मूंग दाल में भी विटामिन B12 की मात्रा पाई जाती है। आप मूंग दाल को पानी में भिगोकर उसका सेवन कर सकते हैं। इस उपाय से न सिर्फ विटामिन B12 की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है, बल्कि पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।
कैसे करें मूंग दाल का पानी का सेवन
रात में 1 कप मूंग दाल को अच्छे से धोकर पानी में भिगो दें।
सुबह इस पानी को छानकर पी लें। आप चाहें तो इस दाल को प्याज, नींबू और हल्के मसालों के साथ भी खा सकते हैं। यह नाश्ते के रूप में पौष्टिक होता है और पाचन तंत्र को भी संतुलित रखता है।
सुबह इस पानी को छानकर पी लें। आप चाहें तो इस दाल को प्याज, नींबू और हल्के मसालों के साथ भी खा सकते हैं। यह नाश्ते के रूप में पौष्टिक होता है और पाचन तंत्र को भी संतुलित रखता है।
दूध और दही का सेवन: आयुर्वेद में बताया गया है कि दूध और दही, विशेष रूप से गाय के दूध में विटामिन B12 की मात्रा होती है। यह शरीर में ठंडक बनाए रखता है और पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। रोजाना एक गिलास दूध का सेवन करने से भी विटामिन B12 के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद में अन्य स्रोत: कुछ आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, भोजन में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा जैसे हर्ब्स का प्रयोग भी लाभकारी होता है। ये पौष्टिक तत्व ऊर्जा प्रदान करते हैं और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद करते हैं।
विटामिन B12 की कमी को दूर रखने के लिए टिप्स
- आहार में नियमित रूप से दालों, साबुत अनाज और हरी सब्जियों को शामिल करें।
- प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।
- ध्यान, योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें ताकि मानसिक और शारीरिक तनाव कम हो और पाचन बेहतर रहे।
- मांस, मछली और अंडे: नॉन-वेज खाद्य पदार्थों में विटामिन B12 की मात्रा अधिक होती है। यदि आप इन्हें खा सकते हैं, तो इनका सेवन सप्ताह में 2-3 बार करें।
- दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पाद विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं। नियमित रूप से एक गिलास दूध और एक कटोरी दही का सेवन करें।
- आयुर्वेद में चुकंदर और पालक जैसी लाल और हरी सब्ज़ियों का सेवन लाभकारी बताया गया है। इनमें फाइबर, पोटैशियम और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।
- ये सूखे मेवे विटामिन B12 के अलावा आयरन और प्रोटीन से भी भरपूर होते हैं। रोजाना 5-6 किशमिश और 4-5 बादाम खाने से विटामिन B12 की कमी को दूर करने में मदद मिलती है।
- टेम्पेह, एक फर्मेंटेड सोया उत्पाद है जिसमें प्राकृतिक रूप से विटामिन B12 पाया जाता है। इसे सूप या सब्जी के साथ भी खा सकते हैं।
- अगर आपकी डाइट में विटामिन B12 की मात्रा पर्याप्त नहीं है, तो मल्टीविटामिन में शामिल विटामिन B12 के पूरक का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
- चुकंदर का जूस न केवल विटामिन B12 का स्रोत है बल्कि इसमें फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी भी होते हैं। सुबह खाली पेट चुकंदर का जूस पीने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- शराब का सेवन विटामिन B12 के अवशोषण को कम करता है, अतः शराब का सेवन बंद करें.
विटामिन B12 की कमी को प्राकृतिक उपायों से दूर किया जा सकता है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भोजन और जीवनशैली में सुधार लाकर हम अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। मूंग दाल का पानी, दूध, और अन्य प्राकृतिक तत्व विटामिन B12 की कमी को पूरा करने में सहायक हैं। इस तरह के छोटे-छोटे बदलाव आपकी सेहत में बड़े बदलाव ला सकते हैं।