पतंजलि गिलोय सत के फायदे उपयोग
पतंजलि गिलोय सत के फायदे Patanjali Giloy Sat Benefits गिलोय सत्व घर पर कैसे बनाए
गिलोय यानी आयुर्वेद की अमृता। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करके असंख्य रोगों को समाप्त करने की ताकत रखती है गिलोय। ऐसा नहीं है की गिलोय कोई आज पैदा हो गयी हो, ये तो प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक दवा बनाने में एक मुख्य आधार रही है लेकिन यहाँ ये गौरतलब है की बाबा रामदेव ने अपने मंच से इसके बारे में लोगो को जाग्रत अवश्य किया है जिसका साधुवाद उन्हें दिया जाना चाहिए। बहरहाल, आज का विषय है की गिलोय सत्व (सत) क्या होता है और इसके क्या क्या आयुर्वेदिक गुण हैं। यदि आप गिलोय के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो निचे दिए लिंक पर आप जाए और इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

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गिलोय सत्व क्या होता है Giloy Sat Kya Hota Hai Hindi What is Giloy Sat
गिलोय का सत्व घर पर कैसे बनाए How To Make Giloy Sat Hindi
आपका गिलोय सत्व कुछ मटमैला क्यों हैं Giloy Sat in Hindi Home Made Giloy Satt
- गिलोय को क्यों कहते हैं अमृता : गिलोय का परिचय और विभिन्न व्याधियों में गिलोय का उपयोग।
- गिलोय क्वाथ क्या होता है : गिलोय क्वाथ का परिचय और विभिन्न व्याधियों में गिलोय क्वाथ का उपयोग।
- गिलोय घनवटी क्या होती है : गिलोय घनवटी का परिचय और विभिन्न रोगों में गिलोय घनवटी का उपयोग।
- गिलोय स्वरस : गिलोय स्वरस से करे कफ्फ और बलगम का उपचार।
- गिलोय और रोग प्रतिरोधक क्षमता : गिलोय के उपयोग से रहे रोगों से दूर।
गिलोय सत्व क्या होता है Giloy Sat Kya Hota Hai Hindi What is Giloy Sat
गिलोय सत्व गिलोय का सत होता है। सत से तात्पर्य है निचोड़। यानी की हम गिलोय का निचोड़ निकाल कर जब उसे उपयोग में लेते हैं तो उसे ही सत्व कहा जाता है। गिलोय को काट पीट कर इसमें से स्टार्च को निकाल कर जो इसका सारांस निकलता है उसे ही गिलोय सत्व कहा जाता है। वस्तुतः गिलोय बेल के जब पत्ते झड जाते हैं (अक्तूबर से फरवरी माह के बीच की अवधि ) तब इसका सत्व बनाने के लिए बेहतर होता है।
गिलोय का सत्व घर पर कैसे बनाए How To Make Giloy Sat Hindi
पतझड़ में गिलोय की बेल के तने को छोटे छोटे टुकड़ो में काट कर ओंखली में इसे अच्छे से कूट लें। जब यह कुछ ढीला पड़ने लगे तो इसमें पानी की जरा सी मात्र मिलाकर फिर कूटा जाता है। जब अच्छे से बहुत बारीक कूट लिया जाता है (लुगदी बना ले ) तो गिलोय के इस मिश्रण को आप किसी बड़े भगोने में रख ले और आवश्यकता के अनुसार बहुत ही कम पानी मिलाकर इसे किसी सूती कपडे में गाँठ बनाकर जोर लगा कर इसे छान ले। आप इसे मिक्सी में भी पीस सकते हैं, बस पानी ज्यादा नहीं डाले। इसे बेहतर ऐसे समझे जैसे की गन्ने से उसका रस निकला जाता हो। अब जो रस आपको मिलता है उसे कुछ देर (कम से कम चार से पांच घंटे तक ) तक स्थिर पड़ा रहने दे। जब आप इसे रखे तो इस पर सूती कपडा बाँध दे ताकि कोई अशुद्धि इसमें कोई असुद्धि ऊपर से ना गिर जाए। दो से तीन घंटे बाद आप इसे संभालेंगे तो पायेंगे की की गिलोय का सत नीचे बैठ जाता है और अतिरिक्त पानी ऊपर तरी के रूप में रह जाता है। अब जो अतिरिक्त पानी तरी के रूप में ऊपर दिखाई देता है उसे निकाल दिया जाता है और फिर निचे बच चुके शुद्ध रस को फिर से कुछ देर तक छोड़ दे। अब आप पायेंगे की निचे कुछ गाद नुमा प्रदार्थ बच जाता है (सारा पानी निकालने के बाद ) यही गिलोय का सत्व होता है। अब इस सत को आप तेज धुप में सूखने के लिए रख सात से आठ घंटे के लिए सूखने के लिए छोड़ दे। पूरा सूखने के उपरान्त गिलोय का सत्व पात्र में चिपक जाएगा जिसे किसी चम्मच की सहायता से निकल लें। यदि कुछ गांठे बन जाती हैं तो आप इसे खरड की सहायता से या फिर मिक्सी से पीस कर महीन चूर्ण बना ले। इस तरह से आपका सत तैयार हो जाता है। इसे किसी हवाबंद डिब्बे में स्टोर करे। यह विधि सत तैयार करने की प्राचीनतम विधि है जिसमे गिलोय के सारे गुण सत में इकट्ठे हो जाते हैं।
आपका गिलोय सत्व कुछ मटमैला क्यों हैं Giloy Sat in Hindi Home Made Giloy Satt
इस विषय पर गौर करे की जब आप बाजार से गिलोय का सत्व खरीदकर लाते हैं तो वो आपको सफ़ेद रंग का दिखाई देगा लेकिन जो सत्व आप घर पर बनाते हैं वह कुछ मटमैला रंग का दिखाई देता है। इसका कारन है की बाजार में अक्सर इसमें आरारोट जैसा कोई प्रदार्थ मिला दिया जाता है लेकिन आपके घर पर बनाये हुए गिलोय सत्व में ऐसा नहीं होने के कारन ही इसका रंग आपको कुछ मटमैला दिखाई देता है। इसलिए आप निश्चित रहे की आपने जो सत्व बनाया है वह आपको अधिक गुण देगा।
गिलोय सत्व के सेवन से क्या लाभ मिलता है Giloy Sat Ke Fayade Patanjali Giloy Sat Benefits
वस्तुतः जो गिलोय के पत्ते, स्वरस आदि से जो गुण प्राप्त होते हैं वही सभी इसके सत्व से भी प्राप्त होते हैं। कुछ विशेष गुण निम्न प्रकार से हैं।
गिलोय सत्व का सेवन कैसे करे How To Take Giloy Sat Hindi
गिलोय सत्व में पोषक तत्व Giloy Sat Composition
पतंजलि का गिलोय सत्व के विषय में जानकारी :
- सर्दी खांसी और कफ्फ जैसे विकारों में यह अत्यंत ही लाभदायी होता है।
- उदर विकार में भी इसका सेवन लाभदायी होता है।
- मूत्र रोग सबंधी विकारों में यह उत्तम ओषधि होती है।
- ब्लड प्रेशर चाहे वह उच्च हो या फिर निम्न दोनों ही स्थिति में इसका सेवन लाभदायी होता है।
- शुगर(मधुमेह) रोग में भी इसके सेवन से शर्करा को नियंत्रण करने में मदद मिलती है।
- बुखार और वायरल संक्रमण में लाभ मिलता है।
- अम्लपित, रक्ताल्पता, पीलिया , यकृत के विकारों में , सुजन , रक्त अशुद्धि, वातरक्त, एवं स्त्रियों के श्वेत प्रदर आदि विकारों में भी लाभदायी।
- यह त्रिदोष शमन का कार्य करता है , वात कफ और पित्त को रेगुलेट करता है।
- यदि आपके शरीर में पित्त बढ़ जाता है, शरीर में दाह हो तो यह पित्त को भी नियंत्रित करने में सहयोगी होती है।
- गिलोय सत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में बहुत ही उपयोगी ओषधि होती है।
- यह शुक्रल औषधि है।
- मूत्र का पूरा नहीं लगना, कुछ रुक रुक कर आना और पेशाब नली में जलन होने पर इसका सेवन संक्रमण को दूर करता है।
- शरीर के बढे हुए तापमान को शीघ्र ही शांत करता है।
- त्वचा विकारों यथा कुष्ठ रोग, दाद खाज और खुजली के अलावा त्वचा के संक्रमण को दूर करने में उपयोगी होती है।
- इसके सेवन से पाचन तंत्र भी सुदृढ़ बनता है और भूख नहीं लगने को दूर करता है।
- पीलिया रोग में इसका सेवन उपयोगी होता है।
- शरीर में रक्त की कमी को दूर करने में सहायक होता है।
गिलोय सत्व का सेवन कैसे करे How To Take Giloy Sat Hindi
सबसे पहले तो आप वैद्य की सलाह के उपरान्त ही गिलोय सत्व को लेना और इसकी मात्र का निर्धारण करे। सामान्य रूप में गिलोय सत्व को आप एक से दो ग्राम प्रतिदिन गुनगुने पानी के साथ में सेवन कर सकते हैं।
गिलोय सत्व में पोषक तत्व Giloy Sat Composition
गिलोय सत्व में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड प्रचुर मात्रा में मिलता है और साथ ही गिलोय से कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक,कैल्शियम और मैगनीज आदि खनिज भी हमें मिलते हैं।
गिलोय की मात्रा : गिलोय को सामन्य रूप में दो से तीन ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से लिया जा सकता है।
पतंजली गिलोय सत्व की तासीर : गिलोय सत्व की तासीर कुछ गर्म होती है इसलिए इसे चिकित्सक की बतायी गयी मात्र से अधिक सेवन करना हानिकारक हो सकता है।
पतंजली गिलोय सत्व के विषय में : यदि आप स्वंय यह चूर्ण नहीं बना सकते हैं तो आप पतंजलि आयुर्वेदा के प्रोडक्ट को भी उपयोग में ले सकते हैं जो की एक अच्छा ब्रांड है।
पतंजलि का गिलोय सत्व के विषय में जानकारी :
Giloy Sat is a traditional Ayurvedic medicine that cures chronic fever, clammy hands, excess perspiration, thirst, hemorrhoids, vaginal discharge, etc. Giloy has very potent antibacterial, anti-inflammatory properties and is a natural antacid. It cures infections, corrects digestive disorders and boosts immunity. Giloy Sat brings to you the goodness of giloy extracted with the care it deserves. Take Giloy Sat for relief from blood, bone, digestion problems or infections. Experience holistic recovery with Giloy Sat.
पतंजलि गिलोय सत्व कहाँ से खरीदे : पतंजलि की गिलोय सत्व आप पतंजलि आयुर्वेदा के स्टोर्स से या फिर आप निचे दिए गए लिंक पर (पतंजलि आयुर्वेदा की अधिकृत वेब साइट ) पर विजिट करके ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
पतंजलि आयुर्वेदा का लिंक :https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/pishti/giloy-sat/47